पिछले दो शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में हुई हिंसक झड़पों के बाद पुलिस ने कल यानी 17 जून को होने वाली नमाज से पहले एहतियात के तौर पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये हैं। पुलिस ने नमाज के दौरान शांति व्यवस्था बनाये रखने को लेकर मुस्लिम धर्मगुरूओं के साथ बैठके की हैं। वहीं विभन्नि मुस्लिम संगठनों और मौलवियों ने नमाज के दौरान उत्तेजक भाषणबाजी से परहेज करने और भीड़ इकट्ठा न करने की अपील की है। प्रदेश भर में हर हाल में शांति एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिये जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सभी संवेदनशील स्थलों पर वरष्ठि अधिकारियों की ड्यूटी लगायी गयी है ताकि किसी भी प्रकार की प्रदेश में गड़बडी न हो सके।
आज योजना भवन में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी एवं पुलिस महानिदेशक, डीएस चौहान ने संयुक्त रूप से वीडियों कांन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी मंडलों, जोन, रेंज एवं जिलों में सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की। अधिकारियों को स्पष्ट रूप से नर्दिेशित किया गया है कि किसी भी प्रकार की शिथिलता पाये जाने पर शासन द्वारा गंभीरता से कार्यवाही की जाएगी। वीडियों कान्फ्रेसिंग में बताया गया कि प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रदेश भर में सभी प्रमुख धर्म गुरुओं से संवाद कर शांति व्यवस्था बनाये रखने में सहयोग मांगा गया है। थाना स्तर पर पीस कमेटी की बैठकों का आयोजन भी किया गया है तथा सिविल डिफेंस के कर्मियों को भी शांति एवं व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदारी सौपी गई हैं। सभी संवेदनशील स्थलों पर सीसीटीवी, वीडियों कैमरे व ड्रोन से आवश्यकतानुसार निगरानी की जाएगी तथा पुलिस द्वारा सेक्टर योजना को भी लागू किया गया।
प्रदेश भर में कड़ी सतर्कता बरतने तथा किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से कड़ाई से निपटनें के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलों में पुलिस द्वारा फुट पेट्रोलिंग व अर्द्व सैनिक बलों द्वारा फ्लैग मार्च किये जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। शासन द्वारा जिला प्रशासन को यह भी निर्देशित किया गया है कि सेना में भर्ती को लेकर आयी नयी योजना का विरोध करने वाले युवकों को समझा बुझाकर सही तथ्यों से अवगत कराया जाये तथा किसी भी प्रकार से उन्हे माहोल खराब करने की इजाजत न दी जाय। जिला व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से यह भी अपेक्षा की गयी है कि वह पिछले अनुभवों से सीख लेते हुये समुचित पुलिस प्रबन्धन की व्यवस्था करे तथा सभी वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी संवेदनशील क्षेत्रों का पहले से भ्रमण कर शांति एवं व्यवस्था बनाये रखने के जरूरी प्रबन्ध सुनिश्चित करें।