मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा, अधिकारी समेत नौ लोगों पर मुकदमा

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उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में हाल ही में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में समाज कल्याण विभाग के सहायक विकास अधिकारी और आठ लाभार्थियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार की आलोचना करते हुए प्रकरण की जांच की मांग की है। मामले के मुताबिक गत 25 जनवरी को मनियर इंटर कॉलेज में हुए सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कई ऐसे लोगों की शादी करायी गयी जो पहले से ही शादीशुदा थे। मनियर थाने के प्रभारी मंतोष सिंह ने बुधवार को बताया कि जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपक श्रीवास्तव की तहरीर पर मंगलवार की रात सहायक विकास अधिकारी सुनील कुमार यादव और आठ लाभार्थियों अर्चना, रंजना यादव, सुमन चौहान, प्रियंका, सोनम, पूजा, संजू और रमिता के विरुद्ध धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।

उन्होंने दर्ज प्राथमिकी का हवाला देते हुए बताया कि जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपक श्रीवास्तव ने अपनी तहरीर में कहा है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत मनियर इंटर कॉलेज में गत 25 जनवरी को सामूहिक विवाह सम्पन्न होने के बाद फर्जी वर-वधुओं के विवाह होने का मामला सामने आने पर मुख्य विकास अधिकारी ने 29 जनवरी को मामले की जांच के आदेश दिये थे। कथित तौर पर इस मामले से जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें बबलू नामक एक युवक संवाददाताओं को बता रहा है कि वह सामूहिक विवाह कार्यक्रम देखने गया था, वहां उसे दो-तीन हजार रुपये का लालच देकर शादी के लिये बैठा लिया गया था। संवाददाताओं के पूछने पर युवक बता रहा है कि उसे टोपी लगाकर और माला पहनाकर फोटो खींची गयी थी। वीडियो में युवक यह भी कह रहा है कि वहां इस तरह से बैठाये गये बहुत से लोग थे। उसे इसके लिये धन भी नहीं मिला।

थाना प्रभारी ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए जिला कृषि अधिकारी, जिला दिव्यांग जन सशक्तिकरण अधिकारी और जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी की एक समिति गठित की गई थी। जांच में पाया गया कि मानिकापुर गांव की अर्चना की शादी जून 2023 में ही हो चुकी थी। इसके अलावा रंजना यादव और सुमन चौहान की शादी मार्च 2023 में, प्रियंका की शादी नवम्बर 2023 में, पूजा की शादी एक वर्ष पहले, संजू की शादी तीन वर्ष पहले और रमिता की शादी जुलाई 2023 में ही हो चुकी थी। सोनम का विवाह अभी तय नहीं है। ये सभी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत पात्र नहीं हैं। उन्होंने बताया कि अपात्र आवेदकों ने वास्तविक तथ्यों को छुपाते हुए योजना के तहत अवैध रूप से लाभ पाने के लिए आवेदन किया था। समाज कल्याण विभाग के सहायक विकास अधिकारी सुनील कुमार यादव ने उन आवेदनों की जांच में लापरवाही की जिससे यह फर्जीवाड़ा हुआ। सिंह ने बताया कि पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन कर रही है।

जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने बताया कि 25 जनवरी को विकास खण्ड मनियर में हुए सामूहिक विवाह कार्यक्रम में लाभार्थियों को अभी तक धनराशि वितरित नहीं की गई है। अभी तक जांच में दोषी पाए गए सहायक विकास अधिकारी और आठ लाभार्थियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। अन्य जो भी दोषी पाए जायेंगे, उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले में लिखा, उप्र के बलिया में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत भाजपाई भ्रष्टाचार की अजीब धांधली सामने आई है, जहां पैसे का लालच देकर युवाओं को झूठ-मूठ का दूल्हा बनाया गया। ये प्रदेश की लड़कियों के साथ धोखा है और भावनाओं के साथ खिलवाड़ भी। इसकी गंभीरता से जांच की जाए क्योंकि ऐसे फर्जीवाड़े के पीछे युवा नारियों का पूरा जीवन दांव पर लग सकता है। यादव ने इसी पोस्ट में आगे कहा, भाजपा की हर योजना भ्रष्टाचार करने के लिए ही बनती है। नहीं चाहिए भाजपा।

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