विशेष सांसद-विधायक अदालत ने पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य तथा तीन अन्य आरोपियों को एक युवक को परेशान करने के मामले में भगोड़ा घोषित किया है। स्थानीय सांसद-विधायक अदालत के विशेष न्यायाधीश आलोक वर्मा ने पांच जुलाई को पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, उनकी बेटी और पूर्व भाजपा सांसद संघमित्रा और तीन अन्य आरोपियों को दीपक कुमार स्वर्णकार नामक युवक को परेशान करने के मामले में भगोड़ा घोषित किया। आदेश की प्रति शुक्रवार को उपलब्ध हो पाई। दीपक कुमार स्वर्णकार ने संघमित्रा का पति होने का दावा किया है। कुमार के उत्पीड़न मामले में बार-बार समन और वारंट जारी होने के बावजूद आरोपी अदालत में पेश नहीं हुए, इसलिए अदालत ने यह आदेश पारित किया। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 27 अगस्त तय की है।
इससे पहले दीपक द्वारा दायर एक शिकायत पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया पांचों आरोपियों के खिलाफ युवक दीपक पर हमला करने, उसे जान से मारने की धमकी देने और उसे खत्म करने की साजिश रचने का मामला बनता है। शिकायत में खुद को पत्रकार बताने वाले युवक ने आरोप लगाया है कि संघमित्रा ने 2019 के संसदीय चुनाव से पहले बौद्ध रीति-रिवाजों के साथ उसके साथ दूसरी शादी की थी और चुनाव के बाद उसे इस बारे में लोगों को बताने का आश्वासन दिया था। दीपक ने अपनी शिकायत में कहा है, ”लेकिन चुनाव के बाद वह सांसद बन गईं और तब से उन्होंने और उनके पिता ने पुलिस और गुंडों की मदद से उनका उत्पीड़न शुरू कर दिया है।” मौर्य और संघमित्रा ने इन कार्यवाहियों को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था, लेकिन अदालत ने उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया था।