उत्तर प्रदेश में पिछले साल पुलिस हिरासत से फरार हुए प्रदेश स्तरीय माफिया आदित्य राणा को एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है। उसपर ढाई लाख रुपये का इनाम था। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान बदमाशों की तरफ से की गई गोलीबारी में पांच पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने बुधवार को बताया, 11-12 अप्रैल की रात बिजनौर पुलिस की आदित्य राणा गिरोह के साथ मुठभेड़ हुई जिसमें राणा को घायल अवस्था में पुलिस ने हिरासत में लिया और उसकी अस्पताल में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई है।
उन्होंने बताया कि सूचना के आधार पर मंगलवार देर रात को स्योहारा थाना पुलिस ने बुढनपुर में आदित्य राणा के ठिकाने की घेराबंदी की तो बदमाशों ने पुलिस पर गोलीबारी कर दी। जादौन ने बताया कि पुलिस की जवाबी कार्रवाई में गिरोह का सरगना राणा गोली लगने से घायल हो गया जबकि बाकी बदमाश जंगल की ओर भाग गये। पुलिस फरार बदमाशों की तलाश कर रही है। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में पांच पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत स्थिर है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार, राणा 2022 में अदालत में पेशी के दौरान पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था। उन्होंने बताया कि 23 अगस्त 2022 को जब लखनऊ पुलिस उसे बिजनौर अदालत में पेश कर वापस ले जा रही थी तभी शाहजहांपुर के थाना रामकिशन मिशन क्षेत्र में एक ढाबे से राणा पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था।
उन्होंने बताया कि पुलिस महानिदेशक ने राणा को प्रदेश स्तरीय माफिया घोषित करते हुए इस पर ढाई लाख रुपये के इनाम का ऐलान किया था। पुलिस अधीक्षक जादौन ने बताया कि राणा के खिलाफ संगीन धाराओं में 43 मुकदमे दर्ज थे जिनमें छह मामले हत्या और 13 मुकदमे लूट के थे। राणा बिजनौर के साथ-साथ लखनऊ, शाहजहांपुर, अमरोहा और संभल में भी वांछित अपराधी था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि राणा गिरोह के 48 सदस्यों की पहचान की गई है जिनमें छह गिरफ्तार हो चुके हैं।