तीन दिवसीय यात्रा पर लखनऊ पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि किसी भी समाज, साम्राज्य या देश के लिए दूसरों पर निर्भर बने रहना अनुचित है और रोमन साम्राज्य के पतन का कारण यही है। यहां आत्मनिर्भर भारत पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा, यदि आप प्राचीन समय के रोमन साम्राज्य को देखें तो आप पाएंगे कि चौथी शताब्दी से पूर्व रोमन दुनिया के सबसे ताकतवर साम्राज्यों में से एक था। यह स्वभाविक है कि इतने विशाल साम्राज्य को बनाए रखने के लिए एक विशाल सेना जरूरी थी।
उन्होंने कहा, रोम के पास एक बड़ी सेना थी और इसकी विशेषता लगातार युद्ध में लगे रहने की थी। रोम ने बारबेरियन के रैंक में विदेशियों की भर्ती शुरू कर दी जो रोम के बाहर से आए थे और वे पैसे के लिए रोम की ओर से लड़ा करते थे। उनकी निष्ठा रोम के प्रति नहीं थी, न ही रोम के लोगों के प्रति थी। रक्षा मंत्री ने कहा, रोमन सेना में जो निष्ठा, अनुशासन होनी चाहिए थी, उसकी कमी थी। बारबेरियन रोमन सैन्य अधिकारियों के आदेश मानने से इनकार कर देते थे। इस आंतरिक टकराव ने धीरे-धीरे उस साम्राज्य को कमजोर करना शुरू कर दिया और अंततः इतना विशाल साम्राज्य सेना की कमजोरी की वजह से पूरी तरह बर्बाद हो गया।
उन्होंने कहा, मैं कहना चाहता हूं कि किसी भी देश की सुरक्षा के लिए सेना सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक सशक्त सेना के बगैर आप सीमाओं की रक्षा नहीं कर सकते, न ही सभ्यता और संस्कृति की रक्षा कर सकते हैं। और यदि सेना किसी दूसरे पर निर्भर हो तो स्थिति और अधिक अनियंत्रित हो जाती है। इसलिए सेना की आत्मनिर्भरता एक देश को शक्तिशाली बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। एक अन्य उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, किसी दूसरे की बांह की ताकत का इस्तेमाल कर हम हमारे घर की दीवारें एक बार बना सकते है। लेकिन घर को आजीवन सुरक्षित रखने के लिए हमें अपनी बांह मजबूत करना होगा। इसका अर्थ है कि हमें आत्मनिर्भर बनना होगा।