रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष की पूर्ववर्ती सरकारों पर कुछ खास लोगों को कर्ज देने का रविवार को आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकारों में बिना मतलब के ऐसे ऋण दिए गए, जिसका नतीजा देश को अब तक भुगतना पड़ रहा है। सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विश्वकर्मा जयंती पर रविवार को ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना’ की शुरुआत के मौके पर यहां आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, पिछली सरकारों के दौरान केवल कुछ विशेष लोगों को ही कर्ज दिया जाता था। जो लोग सरकार के ज्यादा करीब थे, उन लोगों पर सरकार कुछ ज्यादा ही मेहरबान होती थी। पिछली सरकारों में बिना मतलब के ऐसे ऋण दिए गए, जिसका नतीजा देश को अब तक भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, हमारी सरकार उस तरह की सरकार नहीं है, जिसमें किसी के दोस्तों और रिश्तेदारों को बैंकों से बड़ी मात्रा में ऋण दिया जाता है। हमें आम आदमी, गरीब भाइयों और अपने व्यवसायियों पर भरोसा है। इस देश के गरीबों ने, यहां की जनता ने हम पर विश्वास जताया, हमें आशीर्वाद दिया, हमारी सरकार बनाई इसलिए हम भी यह पूरा प्रयास करते हैं कि उन्हें किसी भी तरह से सिक्योरिटी और गारंटी के मामले में परेशान न किया जाए।
रक्षा मंत्री ने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत के छोटे कामगारों के माध्यम से देश की आर्थिक समृद्धि का सपना देखा था। बापू का मानना था कि यदि देश के छोटे उद्योग सशक्त हुए तो ग्रामोदय होगा और यदि इस देश के गांवों का उदय हुआ तो हमारी विकास की गति और तेज होगी। उन्होंने कहा, बापू के सपने को साकार करने के लिए हम देश के छोटे उद्योगों को विकास की यात्रा में साथ लेकर चलने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हमारा यह प्रयास आप सभी विश्वकर्मा भाइयों के बिना पूरा नहीं हो सकता।
लखनऊ से लोकसभा सांसद सिंह ने जनधन खातों का जिक्र करते हुए कहा, आंकड़े बताते हैं कि आज 50 करोड़ से ज्यादा जनधन खातों में दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जमा हुए हैं। जिन जनधन खातों का मजाक उड़ाया गया आज उन्हीं जनधन खातों से आपको गैस की सब्सिडी मिलती है और उन्हीं खातों के माध्यम से प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में भी आप लोगों को सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा, जब वरिष्ठ अधिकारियों के पास पहचान पत्र हो सकते हैं, डॉक्टरों और इंजीनियरों के पास पहचान पत्र हो सकते हैं, तो आप सभी श्रमिकों और कारीगरों के पास पहचान पत्र क्यों नहीं हो सकते? पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, आपको सम्मान और एक पहचान भी मिलेगी।