मथुरा। यूपी में कोरोना कहर लगातार जारी है। कई शहरों में कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना अब सरकारी और प्राइवेट सेक्टरों के अंदर भी पहुंच गया है। मथुरा में एक न्यायिक अधिकारी और पांच कर्मचारियों के कोविड-19 संक्रमित मिलने के बाद मथुरा जिला न्यायालय और रेलवे न्यायालय को दो दिन के लिये बंद कर दिया गया है। संक्रमित पाए गए सभी लोग ड्यूटी पर थे।
डीजीसी सिविल संजय गौड़ ने बताया कि जिला न्यायाधीश राजीव भारती ने दो दिन के लिए दोनों न्यायालयों को बन्द कर दिया है जिससे इन दोनों कार्यालयों का ठीक से सैनिटाइलजेशन कराया जा सके। आदेशों में छाता और ग्राम न्यायालय मांट के खुले रहने के बारे में बताया गया है। उन्होंने बताया कि जिला न्यायाधीश ने इस दौरान दोनो दिन के न्यायिक कार्य विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से करने का आदेश दिया है और कहा है कि 167 दण्ड प्रक्रिया रिमाण्ड का कार्य साढ़े 12 बजे से दो बज कर 30 मिनट तक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया जाएगा और न्यायालयों का कार्य सम्पन्न कराने के लिए न्यायिक अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अब अदालत परिसर में सामान्य वादकारी नहीं आएंगे।
डीजीसी सिविल के अनुसार हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में जिला न्यायाधीश राजीव भारती ने न्यायालय परिसर में वादकारियों या अन्य प्रतिनिधियों कै प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। निर्देशों में कहा गया है कि अत्यावश्यक मामलों में जिला जज की अनुमति पर ही वादियों/ऐसे व्यक्तियों को न्यायालय परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि जिला न्यायाधीश के आदेश के अनुसार कुल संख्या के 50 प्रतिशत न्यायिक अधिकारी ही न्यायालय परिसर में एक बार रोटेशन के आधार पर उपस्थित रहेंगे। आदेश के अनुसार गर्भवती महिला न्यायिक अधिकारियों/ कर्मचारियों को न्यायालय में उपस्थित होने से छूट रहेगी। यदि आवश्यक हो तो उन्हें घर से काम करने की छूट दी जा सकती है। डीजीसी सिविल के अनुसार जिला जज के तुरत प्रभावी निर्देश अगले आदेश तक जारी रहेंगे।