संविधान, इमरजेंसी और विपक्ष… संसद में हर मुद्दे पर गरजे सांसद देवेंद्र सिंह भोले

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नई दिल्ली/कानपुर। लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान अकबरपुर से बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने संविधान, इमरजेंसी, किसान और रोजगार समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में किसानों को खाद तक नहीं मिलती थी, जब वो खाद की मांग करते थे तो उन्हें लाठी मिलती थी। वहीं नौकरी के लिए किसानों को जमीन तक बेचनी पड़ती थी। इतना ही नहीं बीजेपी सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकसित भारत की ओर बढ़ रहा है। बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने कहा, हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत ये बजट 2037 तक वित्तीय भारत के प्रति हमारी अडिग प्रतिबद्धता का प्रमाण है और प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि और समावेशी विकास के प्रति हमारे समर्पण देश की प्रगति को और संचालित करते हैं।

उन्होंने कहा, जहां तक डॉ. बीआर अंबेडकर ने कहा था कि किसी भी समाज की प्रगति उसकी क्षमता पर निर्भर करती है और ये बजट उसी सुधार की भावना को दर्शाता है। हमारे राष्ट्र को उज्जवल और समावेशी विकास की ओर लेकर जाता है। जहां ये बजट 11 सितंबर, 1893 को, जिस समय दुनिया के लोग भारत को कमजोर भारत बताते थे, उस समय 17 साल की उम्र में स्वामी विवेकानंद ने अपने उद्बोधन में आने वाले समय में भारत को मजबूत भारत बनाने का संकल्प लिया था। आज यह बजट भारत के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमें पूरा करने वाला बजट है।

देवेंद्र सिंह भोले ने कहा, जहां तक किसानों का सवाल है, भारत की सरकार समझती है कि किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और ये बजट कृषि को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण संसाधन आवंटित करता है। एक समय हमारे यूपी में ऐसा भी आया है, कि किसानों को खाद के लिए लाठी भी खानी पड़ी। जब दयनीय आपदा हुई थी, तब अपने-पराए को देखकर आवंटित की गई थी। लेकिन हमारी सरकार ने किसानों का एक लाख तक का लोन पहली कैबिनेट में ही माफ कर दिया था। अकबरपुर सांसद ने कहा, एक समय ऐसा भी था कि तमाम राजनीतिक दलों के लोगों ने नौकरी के लिए किसानों को खेती बेचने को भी मजबूर कर दिया था। लेकिन जब आज हमारी सरकार ने जब नौकरी देने की बात आई तो पीएम मोदी और योगी ने नौकरी देकर पारदर्शी तरीका अपनाकर बहुत लोगों को रोजगार देने का काम किया है। वहीं स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी हमारी सरकार ने कई काम किए हैं। गूंगे-बहरे बच्चों का अस्पताल, जो सिर्फ मैसूर में था, अब वो कानपुर देहात में स्थापित किया गया है।

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