बसपा को रोकने के लिये कांग्रेस, भाजपा और सपा ने मिलाये हाथ : मायावती का दावा

0
7

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने प्रतिद्वंद्वी दलों पर बसपा को रोकने के लिये अंदरूनी तौर पर हाथ मिलाने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इन पार्टियों ने विभिन्न चुनावों में बसपा की जीत की सम्भावनाओं को खत्म करने के लिये वोट ‘ट्रांसफर’ कराए। मायावती ने कार्यकर्ताओं का वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव में बसपा को पूर्ण बहुमत दिलाने का आह्वान करते हुए कहा कि बसपा की सरकार बनने पर पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (सपा) और वर्तमान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा जनहित के खिलाफ लिये गये फैसलों और बनायी गयी नीतियों एवं कानूनों की समीक्षा की जाएगी। मायावती ने बसपा संस्थापक कांशीराम के 19वें परिनिर्वाण दिवस पर राजधानी में आयोजित एक रैली में कहा, ”वर्ष 2007 में उत्तर प्रदेश में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद देश में बसपा के बढ़ते हुए प्रभाव को देखकर सभी जातिवादी संकीर्ण और पूंजीवादी पार्टियों ने अंदर-अंदर एकजुट होकर बसपा को यहां सत्ता में वापस नहीं आने दिया।

अन्य राज्यों में भी अपनी पार्टी को आगे नहीं बढ़ने दिया गया।” उन्होंने कहा, ”वर्ष 2007 में बसपा के अकेले सत्ता में आने पर सभी जातिवादी पार्टियों को डर था कि अगर बसपा को आगे बढ़ने से नहीं रोका गया तो यह पार्टी केंद्र की सत्ता तक भी जरूर पहुंच सकती है। इसलिए घबरा कर बसपा को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव और देश में लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस, भाजपा, सपा और अन्य सभी विरोधी पार्टियां अपनी जातिवादी मानसिकता के तहत अंदर-अंदर आपस में एकजुट हो गईं और बसपा को कामयाब नहीं होने दिया।” मायावती ने कहा, ”सारी जातिवादी पार्टिंया अंदर-अंदर एक हो गयीं। एक होकर जहां-जहां बसपा जीत रही थी वहां उन्होंने वोट ट्रांसफर करके उसे हराया। रही सही कमी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में धांधली करके की गई।”

उन्होंने कहा, ”पार्टी के लोगों को उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में भी ऐसी सभी विरोधी पार्टियों को सत्ता में आने से जरूर रोकना है। खासकर उत्तर प्रदेश में तो बसपा की फिर से अकेले पूर्ण बहुमत की सरकार बनाना बहुत जरूरी है, जिसे यहां कांग्रेस, भाजपा, सपा और अन्य सभी विरोधी पार्टियां षड्यंत्र और हथकंडे अपना कर इसे रोकने का हर संभव प्रयास करेंगी।” मायावती ने यह भी कहा कि पूरे देश में विरोधी पार्टियों ने बसपा को कमजोर करने के लिए दलितों के वोट बांटने का एक और षड्यंत्र रचा है। उन्होंने कहा, ”अब विरोधी पार्टियों ने बसपा के विशेष कर दलित आधार वोट को बांटने के लिए इसी समाज के कुछ लोगों को इस्तेमाल करके अनेक पार्टियां और संगठन बनवा दिये हैं, जिससे यह जातिवादी पार्टियां चुनाव में अपने-अपने फायदे के हिसाब से उम्मीदवार खड़े करवा कर बसपा को कमजोर करने में लगी हैं।”

बसपा प्रमुख ने कहा, ”अब हर छोटे बड़े चुनाव में आप लोगों को अपना एक भी वोट ऐसे सभी स्वार्थी एवं बिकाऊ संगठनों को नहीं देना है बल्कि अपनी एकमात्र हितैषी पार्टी बसपा को ही देना है ताकि यह पार्टी फिर से अपना बेहतर परिणाम लाकर यहां की उत्तर प्रदेश की सत्ता में फिर से आ सके।” मायावती ने यह भी कहा कि प्रदेश में जब दोबारा बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बन जाएगी तब पूर्ववर्ती सपा और वर्तमान में चल रही भाजपा की सरकार द्वारा बनाए गए नियम और कानून की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा, ”इनमें से जो भी नियम व कानून सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीतियों एवं सिद्धांतों से जुड़े नहीं होंगे उन्हें सर्व समाज के हित में जरूर बदल दिया जाएगा। इसके साथ ही दलित एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के हितों के लिए दिए गए फैसलों को, जो सपा और भाजपा की सरकारों ने बदल दिये हैं उन्हें भी फिर से पुरानी वाली स्थिति में लाया जाएगा। सपा और भाजपा की सरकार के जनहित के विरुद्ध किए गए फैसलों की भी समीक्षा करके उन्हें सही स्थिति में लाया जाएगा।” मायावती ने कहा, ”ईवीएम प्रणाली का व्यापक विरोध हुआ है और मौजूदा हालात को देखते हुए इसे कभी भी खत्म किया जा सकता है। इस बात की प्रबल संभावना है कि पेपर-बैलेट प्रणाली को वापस लाया जाएगा।” बसपा प्रमुख ने अपने समर्थकों से सतर्क और संगठित रहने का आग्रह करते हुए कहा कि पार्टी को हर स्तर पर मज़बूत करना अब जरूरी है।

Previous articleयूपी में हादसा: ट्रक की टक्कर से दो बहनों की मौत, छह जख्मी
Next articleमेरी तरह आकाश आनंद के साथ भी खड़े रहें बसपा कार्यकर्ता : मायावती