गोरखपुर में होटल प्रबंधन संस्थान की स्थापना करेगी यूपी सरकार : योगी

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यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को कहा की कि राज्‍य सरकार ने गोरखपुर में एक होटल प्रबंधन संस्‍थान की स्‍थापना करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने राज्य में ‘ईको टूरिज्म’ की असीम संभावनाओं को आकार देने के लिए ‘ईको टूरिज्म बोर्ड’ के गठन का भी निर्देश दिया है। मुख्‍यमंत्री ने पर्यटन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाओं को देखते हुए राज्‍य सरकार ने गोरखपुर में छह एकड़ के विशाल परिसर में ‘स्टेट होटल प्रबंधन संस्थान’ की स्थापना का निर्णय लिया है। इसके लिए भूमि का चयन किया जा चुका है। उन्‍होंने संस्थान की स्थापना के सम्बन्ध में कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए।

योगी ने कहा कि ‘ईको टूरिज्म’ को गति देने के लिए पर्यटन, सिंचाई, वन, आयुष और ग्राम्य विकास जैसे विभागों को एकजुट होकर प्रयास करना होगा और इसके लिए राज्य में ‘ईको टूरिज्म बोर्ड’ का गठन किया जाना उचित होगा। उन्होंने बोर्ड में संबंधित विभागों के मंत्री, अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, महानिदेशक/निदेशक के साथ-साथ विशेषज्ञों को भी स्थान दिए जाने की बात कही और कहा कि पर्यटन विभाग को इसका नोडल विभाग बनाया जाना चाहिए। उन्होंने बोर्ड में भारतीय वन सेवा के योग्य अधिकारी को भी स्थान देने और बोर्ड गठन की कार्यवाही यथाशीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया।

योगी ने कहा कि समन्वित प्रयासों से आज उत्तर प्रदेश ‘नेचर, कल्चर और एडवेंचर’ का संगम बन रहा है। एक आकलन के अनुसार, छुट्टियों पर आने वाले पर्यटकों में से 35 प्रतिशत पर्यटकों द्वारा ‘ईको-हॉलिडे’ बुक करने की संभावना अधिक होती है, जिससे ‘ग्लोबल ईको टूरिज्म’ को बढ़ावा मिलता है। रविवार को जारी एक सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय स्वाधीनता आंदोलन को नवीन दिशा देने वाले चौरी-चौरा (गोरखपुर) जन आंदोलन की पुण्य भूमि के समग्र विकास के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए। यहां शहीद हुए सेनानियों के चित्र/प्रतिमा की स्थापना की जाए। सभी 75 जिलों के ओडीओपी (एक जिला-एक उत्‍पाद) उत्पादों के स्थायी स्टॉल भी यहां स्थापित किये जायें। योगी ने कहा कि भित्ति चित्रों के माध्यम से इस क्षेत्र को और आकर्षक बनाया जाए। इन प्रयासों से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का सृजन भी होगा और नयी पीढ़ी अपने गौरवशाली इतिहास से परिचित भी हो सकेगी।

गौरतलब है कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ गोरखपुर की प्रसिद्ध गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं और गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से पांच बार लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। हाल के विधानसभा चुनाव में योगी गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं। योगी ने कहा कि रामायण तथा बौद्ध परिपथ के हृदय स्थल पर अवस्थित गोरखपुर का इतिहास गौरवशाली रहा है, यहां की विशिष्ट गौरवशाली परंपरा है। नयी पीढ़ी को इस गौरवशाली परंपरा से परिचित कराने के लिए यहां गौरव संग्रहालय की स्थापना यथाशीघ्र करायी जाए। उन्‍होंने नाथ पंथ, बौद्ध धर्म, जैन सम्प्रदाय की विविधताओं एवं परम्पराओं को यहां दर्शाये जाने पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौरव संग्रहालय में गोरखपुर का इतिहास, आजादी की लड़ाई में गोरखपुर का योगदान, गोरखपुर के विकास में नाथ पंथ की भूमिका, गोरखनाथ मंदिर का खिचड़ी मेला, गोरखपुर और आस-पास के क्षेत्र के प्रमुख त्योहार और उन्हें मनाने की विशिष्ट परंपरा, गोरखपुर का समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास, प्राचीन धरोहर, क्षेत्रीय कलाकृतियां आदि की जानकारी प्रदर्शनी और डिजिटल दोनों माध्यमों से दी जाए। गोरखपुर का गौरव दिखाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग किया जाए। योगी ने अमेठी जिले में बाबा गोरखनाथ की तपोस्थली और उनके अनन्य भक्त मलिक मोहम्मद जायसी की जन्मभूमि जायस का सौंदर्यीकरण और पर्यटन विकास किये जाने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद प्रयागराज में गंगा नदी पर ओल्ड कर्जन ब्रिज को गंगा गैलरी/हेरिटेज पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए। उन्‍होंने कहा कि 88,000 ऋषियों की तपोस्थली नैमिषारण्य (सीतापुर) के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। यह हमारे वैदिक मंथन का अहम केंद्र है।

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