यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य में बारिश कम हुई है फिर भी स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि किसानों को आवश्यकता के अनुसार हरसंभव सहायता दी जाएगी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने फसलों की बुआई और बारिश की स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सभी जिलों की 24 घंटे निगरानी करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि 15 जिलों में कम बारिश के कारण बुआई पर असर पड़ा है और स्थिति पर नजर रखनी होगी। योगी ने कृषि, सिंचाई, राजस्व, राहत और अन्य संबंधित विभागों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया। बयान के मुताबिक इस साल 31 जुलाई तक राज्य में 191.8 मिमी बारिश हुई है, जबकि 2021 में 353.65 मिमी और 2020 में 349.85 मिमी बारिश हुई थी। आगरा एकमात्र ऐसा जिला है, जहां सामान्य से अधिक (120 प्रतिशत) बारिश हुई है।
योगी ने कहा, इन परिस्थितियों में अधिकारियों को किसानों से संपर्क स्थापित करना चाहिए। सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों को आवश्यकता के अनुसार हरसंभव सहायता दी जाएगी और एक भी किसान को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। बयान के अनुसार फिरोजाबाद, एटा, हाथरस, लखीमपुर खीरी, औरैया, चित्रकूट, प्रतापगढ़, वाराणसी और हापुड़ जिलों में सामान्य (80 से 120 प्रतिशत) बारिश हुई। वहीं, मथुरा, बलरामपुर, ललितपुर, इटावा, भदोही, आंबेडकर नगर, मुजफ्फरनगर, गाजीपुर, कन्नौज, जालौन, मेरठ, संभल, सोनभद्र, लखनऊ, सहारनपुर और मिर्जापुर में सामान्य से कम (60 फीसदी से 80 फीसदी) बारिश हुई। राज्य में 30 जिले ऐसे हैं, जहां 40 फीसदी से 60 फीसदी बारिश हुई है और 19 जिलों में 40 फीसदी से भी कम बारिश हुई है।
मुख्यमंत्री ने बयान में कहा, ”इन जिलों में खरीफ फसलों की बुआई प्रभावित हुई है और हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा।” योगी ने कहा कि कानपुर, अमरोहा, मुरादाबाद, गोंडा, मऊ, बहराइच, बस्ती, संत कबीरनगर, गाजियाबाद, कौशाम्बी, बलिया, श्रावस्ती, गौतम बौद्ध नगर, शाहजहांपुर, कुशीनगर, जौनपुर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद और रामपुर पर विशेष ध्यान देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, आमतौर पर, उप्र में मॉनसून का मौसम 15 जून से शुरू होता है और यह 15 सितंबर तक जारी रहता है। इस बार मॉनसून सामान्य नहीं है। हालांकि, प्राकृतिक जल का उपयोग करके सिंचाई के साथ-साथ नहरों और ट्यूबवेल का विस्तार करके सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाया गया है।
बयान के अनुसार वर्ष 2022-23 के लिए खरीफ अभियान के तहत 13 जुलाई को 96.03 लाख हेक्टेयर में बुआई के लक्ष्य के मुकाबले एक अगस्त तक 81.49 लाख हेक्टेयर में बुआई की जा चुकी है, जो लक्ष्य का 84.8 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री ने वर्षा मापन को भी महत्वपूर्ण बताया और कहा कि सरकार की कई नीतियां उसके आकलन पर निर्भर करती हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में तहसील स्तर पर वर्षा मापक यंत्र लगाए गये हैं और अब उन्हें विकासखंड स्तर पर भी लगाये जाने की जरूरत है।