यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि हमारा सर्वसमावेशी, सर्व हितग्राही संविधान उच्चतम आदर्शों, नागरिक कर्तव्यों एवं अधिकारों की अभिव्यक्ति है। मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान को दुनिया का सबसे विस्तृत और सशक्त संविधान बताते हुए कहा कि बाबा साहेब ने सबसे पहले संविधान के रूप में ”एक भारत श्रेष्ठ भारत” की आधारशिला रखी। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने जो संविधान 26 नवंबर 1949 को दिया था, उसमें ‘सेक्युलर’ (पंथनिरपेक्ष) और ‘समाजवादी’ शब्द नहीं थे।
वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ दल पर तंज कसते हुए कहा कि संविधान का हर दिन तिरस्कार-अपमान हो रहा है, ऐसे में उत्सव मनाना हमारे सिद्धांतों के खिलाफ है। उत्सव ढोंग नहीं होना चाहिए! बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता में रहने वाली खासकर कांग्रेस व भाजपा ने संविधान को इसकी असली जनकल्याणकारी मंशा के हिसाब से लागू नहीं किया, जो अति-दुखद है। संविधान दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकभवन में आयोजित समारोह में संविधान की उद्देशिका का पाठन कराया और संविधान निर्माताओं को नमन किया।
योगी के साथ उप्र के दोनों उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक ने उद्देशिका का वाचन किया। मौर्य और पाठक ने भी सभा को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान को दुनिया का सबसे विस्तृत और सशक्त संविधान बताते हुए कहा कि बाबा साहब ने सबसे पहले संविधान के रूप में ”एक भारत श्रेष्ठ भारत” की आधारशिला रखी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, योगी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि संविधान की उद्देशिका से छेड़छाड़ कर कांग्रेस ने भारत के संविधान का गला घोंटा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने संविधान के मूल स्वरूप को बदलने का प्रयास किया और देश की जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाई। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने जो संविधान 26 नवंबर 1949 को दिया था, उसमें ‘सेक्युलर’ और ‘समाजवादी’ शब्द नहीं थे।
योगी ने कहा, ”जब दुनिया के अन्य लोकतंत्रों में भेदभाव जारी था, भारत ने पहले ही आम चुनाव में हर वयस्क नागरिक को वोट देने का अधिकार दिया। यह बाबा साहब आंबेडकर और संविधान सभा की दूरदर्शिता का परिणाम है।” उन्होंने कहा, ”किसी भी संविधान या किसी भी पवित्र कार्यक्रम की आत्मा उसका उद्देश्य होता है। भारत का जो मूल संविधान बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने 26 नवंबर 1949 को दिया जिसे भारत ने अंगीकार किया था, उसमें दो शब्द ‘सेक्युलर’ और ‘समाजवादी’ नहीं थे। जब देश के नागरिक अधिकार निरस्त किए गए थे और देश में आपातकाल लागू था, तब कांग्रेस ने चोरी छिपे इन दो शब्दों को भारत के संविधान में डालकर संविधान की आत्मा का गला घोंटने का काम किया था।
इसके पहले मुख्यमंत्री योगी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर संविधान दिवस की बधाई देते हुए अपने एक पोस्ट में कहा, ”प्रदेशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।” उन्होंने कहा, ”प्रत्येक नागरिक के मन में उत्कृष्ट लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सम्मान व विश्वास को मजबूत करता हमारा सर्वसमावेशी, सर्व हितग्राही संविधान उच्चतम आदर्शों, नागरिक कर्तव्यों एवं अधिकारों की पवित्र अभिव्यक्ति है।” पोस्ट में योगी ने अपील की, ”आइए, राष्ट्रहित और लोकहित के दृष्टिगत हम सभी अपने संविधान के आदर्शों का पालन करने का संकल्प लें। जय हिंद!” सपा प्रमुख यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”संविधान को मानना और उसके दिखाए रास्ते पर चलना ही सबसे बड़ा उत्सव है।” यादव ने कहा, ”ये हर दिन सच्चे मन से निभाने वाला फर्ज है, कोई दिखावटी सालाना जलसा नहीं।” सपा प्रमुख ने कहा, ”एक तरफ भाजपा संविधान को ताक पर रखकर मनमानी करना चाहती है, तो दूसरी तरफ दिखावा करना चाहती है।
भाजपा का ये राजनीतिक दोहरापन देश और देशवासियों के लिए घातक है।” उन्होंने कहा, ”संविधान के मान-सम्मान और उसे व्यवहार में लाने के संबंध में हालात बद से बदतर हो रहे हैं, संविधान का हर दिन तिरस्कार-अपमान हो रहा है, ऐसे में उत्सव मनाना हमारे सिद्धांतों के खिलाफ है। उत्सव ढोंग नहीं होना चाहिए!” बसपा प्रमुख मायावती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”देश का संविधान कोई दिखावटी चीज नहीं है, बल्कि इसको दिल से अंगीकार करके उसके अनुरूप व्यवहार करना भी बहुत जरूरी है।” उन्होंने कहा कि खासकर भारतीय संविधान ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ के मानवतावादी व कल्याणकारी उद्देश्यों को लेकर है ताकि यहां जात-पात मुक्त समतामूलक समाज की स्थापना हो व देश महान बने।
मायावती ने कहा, ”किन्तु देश में संविधान लागू होने के इतने दशकों के बाद भी जमीनी स्तर पर सही व सच्चे सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक लोकतंत्र का अभाव यह साबित करता है कि यहां सत्ता में रहने वाली खासकर कांग्रेस व भाजपा ने संविधान को इसकी असली जनकल्याणकारी मंशा के हिसाब से लागू नहीं किया, जो अति-दुखद है।” पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाते हुए कहा कि 140 करोड़ की आबादी वाले भारत देश में दरिद्रता झेल रही जनता की गरीबी, बेरोजगारी एवं पिछड़ापन को दूर करने का कोई कार्य नहीं किया गया है। जनहित एवं जनकल्याण के कार्यों के अभाव के कारण महज मुट्ठी भर लोगों का विकास हुआ जिससे संतुलन बिगड़ा। ऐसे में बहु-अपेक्षित जनविकास कैसे संभव है? बसपा प्रमुख ने कहा, ”आज ‘संविधान दिवस’ पर बसपा संविधान की भूरि-भूरि प्रशंसा करती है, लेकिन इसके मुख्य शिल्पी परम पूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि तभी संभव जब उनके करोड़ों शोषित-उपेक्षित अनुयायियों के जीवन में आरक्षण आदि के जरिए बेहतरी आएगी, जिसके लिए बसपा ही समर्पित है।
कांग्रेस पार्टी की उप्र इकाई ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ अकाउंट पर कहा, ”गुलामी की जंजीर से मुक्त होते देश को सुव्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए जिस संविधान का निर्माण किया गया, उसे निर्मित करने वाली ‘संविधान सभा’ के कुल 389 सदस्यों में 208 सदस्य कांग्रेस के थे।” कांग्रेस ने कहा, ”बाबा साहब की अगुवाई में कांग्रेस सदस्यों के सहयोग से एक ऐसे विधान ग्रन्थ का निर्माण हुआ, जो सदियों देश को राह दिखाता रहेगा और हम सभी जिस पर हमेशा गर्व करते रहेंगे।” एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को सुबह लोक भवन (मुख्यमंत्री कार्यालय) में संविधान दिवस पर संविधान की उद्देशिका के पाठन के लिए एक समारोह आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की। संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन 1949 में संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को अपनाया गया था। संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था।