2017 से पहले नकल के लिए बदनाम था उत्तर प्रदेश: सीएम योगी

0
147

नकल माफियाओं को समाज का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के पहले यूपी बोर्ड नकल के लिए बदनाम था जबकि मौजूदा सरकार ने नकल विहीन परीक्षा व्यवस्था लागू की। लोकभवन में आयोजित मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान एवं टैबलेट वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नकल माफिया समाज के सबसे बड़े दुश्मन हैं। नकल कराकर शिक्षण संस्थानों को अपवित्र करने वाले नकल माफिया का सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए। प्रशासन भी नकल माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि छह वर्ष पहले प्रदेश में तीन महीने तक परीक्षाएं होती थीं। दो से तीन महीने में परिणाम आते थे। तीन महीने अगली कक्षा के प्रवेश में तीन लग जाते थे तो तीन महीने का समय पर्व और त्योहारों में चला जाता थे। शिक्षण संस्थानों में पठान और पठन कम ही देखने को मिलता था। उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने ऐसा पहली बार किया है कि 15 दिन के अंदर परीक्षा हुई है और 14 दिन के अंदर परिणाम भी आ गया।

उन्होंने इन्होंने विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में सफलता अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी। योगी ने कहा कि 2017 के पहले प्रदेश के विद्यालयों में पर्याप्त मात्रा में शिक्षक नहीं थे। हमारी सरकार ने छह वर्ष में बेसिक और माध्यमिक शिक्षा परिषद के एक लाख 62 हजार से अधिक शिक्षकों की पारदर्शी तरीके से चयन की प्रक्रिया को पूरी करते हुए उन्हें नियुक्ति पत्र भी दिया। इतने शिक्षकों की सरकारी नियुक्ति कहीं देश भर में नहीं हुई है। बेसिक शिक्षा परिषद ने ऑपरेशन कायाकल्प माध्यम से 1 लाख 33 हजार विद्यालयों को बहुत अच्छा विद्यालय बनाया है। सीएम योगी ने कहा कि छात्रों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के लिए हम दो करोड़ युवाओं को टैबलेट स्मार्टफोन दे रहे हैं। जिन अभिभावकों, छात्रों के पास कोचिंग के लिए पैसे नहीं हैं, उसके लिए अभ्युदय कोचिंग की स्थापना की गयी है। इस कोचिंग के माध्यम से इस वर्ष की सिविल परीक्षाओं में 23 बच्चे सेलेक्ट हुए। इसी तरह यूपीपीएससी की परीक्षा में भी 98 छात्र सफल हुए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के बालिकाओं के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना चल रही है। विद्यालयों को इस बारे में लोगों को जागरूक करना चाहिए जिससे बड़ी संख्या में बालिकाएं इस सुविधा का लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग अधिकाधिक तकनीक का उपयोग करते हुए प्रदेश भर में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने का प्रयास कर रहा है उसके बहुत अच्छे परिणाम आने वाले समय में आएंगे। सीएम योगी ने कहा कि बच्चों के अंदर खेलकूद के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। आज स्कूल और कॉलेजों में ड्रॉप आउट रेट कम हुआ है। बोर्ड परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखी गई पुस्तक एग्जाम वॉरियर्स जरूर पढ़नी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत एक मात्र देश है जिसने कोरोना चुनौती के बीच भी नए अवसर निकाले हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी उसी दौर का परिणाम है। हमारे शिक्षण संस्थानों को हर हाल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करनी चाहिए, जिससे छात्रों का भवष्यि उज्ज्वल हो सके। इस मौके पर प्रदेश भर के कुल 1745 मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया है। मेधावियों को एक लाख रुपये, टैबलेट, मेडल और प्रशस्ति पत्र दिया गया। साथ ही 18 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के भवनों व 125 विज्ञान प्रयोगशालाओं का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी के अलावा माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह, परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र, प्रमुख सचिव दीपक कुमार, डीजी स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

Previous articleUP Weather Update: यूपी में 17 जून से दिखेगा बिपरजॉय तूफान का असर, गर्मी से मिल सकती है राहत
Next articleनगरीय विकास का मॉडल होगी अयोध्या : सीएम योगी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here