यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में विकास की रफ्तार और सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देते हुए रविवार को कहा कि आज प्रदेश जो कुछ करने में सफल है, उसके पीछे प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन एवं नेतृत्व ही सबसे बड़ा संबल है। रविवार को यहां जारी एक सरकारी बयान के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की सातवीं बैठक में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए योगी ने कहा कि आज प्रदेश जो कुछ करने में सफल है, उसके पीछे प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन एवं नेतृत्व ही सबसे बड़ा संबल है। इसके कारण आज उत्तर प्रदेश बीमारु राज्य की सूची के उठकर एक स्वावलम्बी और समर्थ प्रदेश बनने की ओर अग्रसर हुआ है।
बयान के अनुसार देश एवं प्रदेश को नेतृत्व एवं मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए प्रदेश की 25 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “गरीब, किसान, मजदूर, युवा, महिला सहित सभी वर्गों को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री ने ‘सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का जो मंत्र दिया है, वह देश में सर्वस्पर्शी तथा सर्वसमावेशी विकास का आधार बना है। योगी ने कहा कि आगामी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर भारत अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूर्ण करेगा। प्रधानमंत्री के मार्गदर्षन में पूरा देश इस ऐतिहासिक अवसर पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 का भारत कैसा होगा, इसके लिए प्रधानमंत्री ने आगामी 25 वर्ष के काल खंड को ‘अमृत काल’ निर्धारित करते हुए, नवीन संकल्प के साथ नए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी देशवासियों से अथक परिश्रम करने का आह्वान किया है।
योगी ने कहा कि प्रदेश में 100 आकांक्षी शहरों के चयन के मानक निर्धारित करने हेतु नीति आयोग का सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार के उच्च शिक्षण संस्थानों के लगभग 12.5 लाख विद्यार्थियों को स्मार्टफोन व टैबलेट वितरित किया गया है और अगले पांच वर्षों में दो करोड़ स्मार्टफोन व टैबलेट वितरित करने का लक्ष्य है। उपलब्धियां गिनाते हुए योगी ने कहा कि राज्य में आठ नए राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा रही है। शहरी आबादी को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए आवास, जलापूर्ति, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, वायु गुणवत्ता व प्रदूषण नियंत्रण, आजीविका, यातायात तथा मलिन बस्ती पुनर्वास की ओर पूरा ध्यान दिया गया है।