उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत गठबंधन सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सोमवार को दावा किया कि इसके ‘संरक्षण’ में राज्य के कई हिस्से रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की अवैध गतिविधियों के केंद्र में तब्दील हो गए हैं। आदित्यनाथ ने कहा, ’23 नवंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद इन घुसपैठियों को झारखंड से बाहर निकाल दिया जाएगा और जनता के लिए निर्धारित धन को लूटने वाले झामुमो नीत गठबंधन के नेताओं को जवाबदेह ठहराया जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘राजमहल और साहिबगंज जैसे इलाके बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं द्वारा संचालित अवैध गतिविधियों के केंद्र बन गए हैं।
झामुमो नीत गठबंधन के नेता, जो उनके ‘रहनुमा’ हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। झारखंड में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनते ही घुसपैठियों को बाहर निकाला जाएगा।’ साहिबगंज के राजमहल में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने लोगों से जाति के आधार पर समाज को बांटने वाले नेताओं से सावधान रहने का आग्रह किया और उन्हें ‘समाज एवं देश का दुश्मन’ बताया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समृद्ध झारखंड के सपने को कमजोर करने के लिए भी झामुमो-राजद-कांग्रेस गठबंधन की आलोचना की। उन्होंने कहा कि राज्य में समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों के बावजूद यहां गरीबी है। आदित्यनाथ ने वादा किया कि राजग सरकार के तहत कम से कम डेढ़ लाख युवाओं को नौकरी दी जाएगी।
भारत के ऐतिहासिक विभाजन का जिक्र करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, ‘जब हिंदू विभाजित थे, तो उन्हें अयोध्या, काशी और मथुरा में गुलामी तथा अपमान का सामना करना पड़ा। अब यह समय है ‘एक रहेंगे, सेफ रहेंगे, न बंटेंगे, न कटेंगे’।’ उन्होंने कहा कि रुझानों से संकेत मिल रहे हैं कि झारखंड में राजग दो तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगा। वहीं, जामताड़ा के नाला में एक अन्य रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने झामुमो नीत गठबंधन पर प्राकृतिक संसाधनों और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भेजे गए केंद्रीय धन को लूटकर ‘डकैती में लिप्त’ होने का आरोप लगाया। आदित्यनाथ ने कहा, ‘झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने झारखंड में बांग्लादेशी प्रवासियों और रोहिंग्याओं की घुसपैठ को भी बढ़ावा दिया है, जिससे ‘बेटी, माटी, रोटी’ के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है। अब, लूटे गए धन को वापस लेने के लिए बुलडोजर तैयार है।’
आदित्यनाथ ने आरोप लगाया कि रेत, कोयला और वन संसाधनों के अनियंत्रित दोहन सहित अवैध खनन सत्तारूढ़ गठबंधन के संरक्षण में फल-फूल रहा है, जिससे माफिया गतिविधियों के कारण झारखंड खोखला हो गया है। उन्होंने झामुमो नीत सरकार पर झारखंड में ‘भूमि जिहाद’ और ‘लव जिहाद’ में शामिल घुसपैठियों को समर्थन देने का आरोप लगाया तथा राजग के सत्ता में आते ही ऐसी ताकतों को बख्शे नहीं दिए जाने की चेतावनी दी। आदित्यनाथ ने कांग्रेस-झामुमो गठबंधन पर निशाना साधते हुए दावा किया कि उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में बाधा डाली थी। उन्होंने कहा, ‘अब वे अपनी विभाजनकारी राजनीति के जरिए झारखंड के लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं।’ आदित्यनाथ ने दावा किया कि 1947 में विभाजन के दौरान कम से कम 10 लाख हिंदुओं का नरसंहार किया गया था, उस समय हिंदू विभाजित थे। मुख्यमंत्री ने उनसे सुरक्षित रहने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘अयोध्या में राम मंदिर के बाद अब मथुरा में कृष्ण कन्हैया मंदिर का समय आ गया है।’