भारतीय लोकतंत्र के लिए मील का पत्थर बनेगा एसआईआर : मुख्य निर्वाचन आयुक्त

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मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) को दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी मुहिम करार देते हुए इसे भारतीय लोकतंत्र के लिये मील का पत्थर बताया है। कुमार ने रविवार को आईआईटी-कानपुर के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार की मतदाता सूची के पुनरीक्षण अभियान को ‘दुनिया का सबसे बड़ा अभियान’ बताया और कहा कि जब यह प्रक्रिया 12 राज्यों के सभी 51 करोड़ मतदाताओं तक पहुंच जाएगी तो यह निर्वाचन आयोग और देश के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। कुमार ने कहा, “जब देश में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो लोगों को न केवल निर्वाचन आयोग पर बल्कि भारतीय लोकतांत्रिक की ताकत पर भी गर्व होगा। यह प्रक्रिया भारतीय लोकतंत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

आईआईटी-कानपुर के छात्र रहे कुमार को इस मौके पर ‘डिस्टिंग्विश्ड एलुमिनस अवार्ड’ भी दिया गया। उन्होंने कहा, “आईआईटी-कानपुर में बिताए मेरे चार साल मेरे जीवन के सबसे जीवंत और अविस्मरणीय वर्ष हैं।” कुमार ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर और मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पदों का जिक्र करते हुए कहा, “आज देश के नोट और वोट दोनों ही आईआईटियंस के हाथों में हैं।” उन्होंने आगे कहा, “यहाँ (आईआईटी-कानपुर) मैंने जो मूल्य ग्रहण किए हैं उन्होंने मेरे पूरे प्रशासनिक जीवन में मेरा मार्गदर्शन किया है।” कुमार ने विश्वास व्यक्त किया कि बिहार विधानसभा चुनाव पारदर्शिता, दक्षता और सरलता के नए पैमाने स्थापित करेंगे।

कुमार ने अपने शुरुआती दिनों में काशी के घाटों पर गंगा में तैरना सीखने, वाराणसी के क्वींस इंटर कॉलेज में पढ़ाई करने और बाद में आईआईटी कानपुर में दाखिला लेने से पहले लखनऊ में उच्च शिक्षा प्राप्त करने समेत जीवन के तमाम पड़ावों को याद किया। वाराणसी के घाटों से लेकर देश के मुख्य निर्वाचन आयुक्त बनने तक की यात्रा को याद करते हुए सीईसी ने कहा, “एक लड़का जिसने गंगा में तैरना सीखा, उसने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन वह भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त की कुर्सी पर बैठेगा।

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