लखनऊ। उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंगलवार को राज्य के पहले उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र की स्थापना को मंजूरी दी जो यहां संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई), परिसर में स्थापित किया जाएगा। मंगलवार को यहां जारी एक सरकारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में अपनी तरह का पहला केंद्र लखनऊ के एसजीपीजीआई में स्थापित किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि एसजीपीजीआई में विभिन्न प्रकार के रोगों के उपचार के लिए अलग-अलग केंद्र बने हैं, जहां प्रदेश भर से आने वाले मरीजों का उपचार किया जाता है। वर्तमान समय में नई-नई बीमारियों के कारण नवीन तकनीक और चिकित्सा प्रणाली का प्रयोग जरूरी हो गया है। इस निमित्त सरकार ने ‘एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर’ (उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र) की स्थापना का निर्णय लिया है, जिसमें बच्चों में हो रही नई-नई बीमारियों का इलाज विश्वस्तरीय तकनीक से समय पर किया जा सके।
बयान के मुताबिक इस केंद्र में बच्चों से संबंधित सभी बीमारियों के इलाज के लिए विभिन्न बाल रोग विशेषज्ञ होंगे। यह सुविधा अभी प्रदेश के किसी भी संस्थान या मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध नहीं है। इस परियोजना पर एक अरब 99 करोड़ 10 लाख 52 हजार रुपये की लागत आने का अनुमान है। एसजीपीजीआई के निदेशक प्रोफेसर डॉ. आर के धीमान ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 40 प्रतिशत आबादी 18 साल तक के बच्चों और किशोरों की हैं। उन्होंने कहा कि उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य देखभाल की लंबे समय से चली आ रही जरूरत को समझते हुए योगी सरकार के समक्ष एक उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे अब कैबिनेट में मंजूरी दे दी गई है।
बयान में कहा गया है कि इस परियोजना के तहत एसजीपीजीआई में दो चरणों में करीब 23 विभागों और छह इकाइयों से युक्त और 573 बिस्तरों से सुसज्जित एक उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र पीजीआई में स्थापित किया जाएगा। केंद्र की स्थापना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण में 12 विभाग और चार यूनिट सहित 308 बेड स्थापित किए जाएंगे। दूसरे चरण में नौ और विभागों और दो इकाइयों के साथ अतिरिक्त 265 बिस्तर शामिल किए जाएंगे। निदेशक ने बताया कि पहले चरण में 12 विभाग और चार इकाइयां काम करेंगी। उनमें ‘जनरल पीडियाट्रिक्स’, ‘पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी’,’ पीडियाट्रिक इमरजेंसी’, ‘पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर’, ‘पीडियाट्रिक सर्जरी’, ‘पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी’, ‘पीडियाट्रिक एंडोक्रिनोलॉजी’ आदि विभाग शामिल हैं। इस बीच, इकाइयों में ‘पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजी’,’पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी’,’डे केयर’ और ‘पीडियाट्रिक मेडिकल जेनेटिक्स’ शामिल होंगे।