यूपी सरकार ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद पर नियुक्ति के लिए नयी नियमावली तैयार की है। राज्य मंत्रिमंडल ने इस पर मुहर भी लगा दी है। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस निर्णय को लेकर राज्य सरकार पर तंज किया है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने सोमवार को अपनी एक बैठक में ‘पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश के पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2024’ को मंजूरी दी।
उन्होंने बताया इस नियमावली का मकसद पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति के लिए एक स्वतंत्र और पारदर्शी तंत्र स्थापित करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह चयन ‘राजनीतिक या कार्यकारी हस्तक्षेप’ से मुक्त हो और उत्तर प्रदेश की विशिष्ट दशाओं तथा पुलिस प्रणाली की आवश्यकताओं के अनुरूप भी हो। सूत्रों के अनुसार डीजीपी के चयन और नियुक्ति के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी। इसमें प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ-साथ संघ लोक सेवा आयोग द्वारा नामित एक प्रतिनिधि, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या एक नामित प्रतिनिधि, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव और राज्य के एक सेवानिवृत पुलिस महानिदेशक सदस्य होंगे।
नियमावली के मुताबिक डीजीपी का कार्यकाल न्यूनतम दो साल का होगा। इस पद पर उसी अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी जिसकी सेवा अवधि कम से कम छह महीने बची हो। नियमावली में यह भी प्रावधान किया गया है कि एक बार नियुक्ति के लिए चुने जाने के बाद डीजीपी को न्यूनतम दो साल का कार्यकाल जरूर दिया जाएगा। सपा अध्यक्ष ने इस फैसले पर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की है। उन्होंने मंगलवार को ‘एक्स’ पर लिखा,”सुना है किसी बड़े अधिकारी को स्थायी पद देने और और उसका कार्यकाल दो साल बढ़ाने की व्यवस्था बनायी जा रही है… सवाल यह है कि व्यवस्था बनाने वाले ख़ुद दो साल रहेंगे या नहीं।” यादव ने किसी का नाम लिए बगैर यह भी कहा, ”कहीं यह दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है।