UP Nikay Chunav: निकाय चुनाव का बज गया बिगुल, राजनीतिक सर गर्मियां बढ़ीं, सभी दलों को जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश

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UP Nagar Nikay chunav Update: चुनाव आयोग ने निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसी के साथ यूपी में निकाय चुनाव का बिगुल भी बज चुका है। चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही राजनीति दलों में सरगर्मियां बढ़ गई हैं। सभी प्रमुख दल जिताऊ चेहरे की तलाश में जुट गए हैं। सभी प्रमुख दलों ने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। हर दल के पर्यवेक्षक स्थानीय नेताओं के साथ बैठक कर संभावित उम्मीदवारों के नाम पर विचार कर रहे है। सपा के नगरीय निकाय चुनाव प्रभारी सांसद जावेद अली खान ने कहा कि सिर्फ सपा ही उत्तर प्रदेश में भाजपा का मुकाबला कर सकती है। सपा की बैठक में विधायक उमर अली खान एवं आशु मलिक, एमएलसी शाहनवाज खान, पूर्व मंत्री संजय गर्ग, पूर्व विधायक माविया अली, मनोज चौधरी एवं मसूद अख्तर, जिला अध्यक्ष अब्दुल वाहिद, चौधरी रूद्रसैन, विनोद तेजयान, मजाहिर राणा, सरफराज खान आदि शामिल रहे। संजय गर्ग ने बताया कि एक दर्जन से ज्यादा आवेदन मेयर पद के लिए मिले है।

पांच साल भाजपा के मेयर रहे संजीव वालिया के इस बार चुनाव लडने से इंकार कर देने से पार्टी नेता सकते में है। नगर भाजपा विधायक राजीव गुंबर, पूर्व विधायक लाजकृष्ण गांधी और स्वयं मेयर संजीव वालिया ने कहा कि पार्टी नेतृत्व दमदार और जिताऊ उम्मीदवार के चयन में लगा है। सह चुनाव प्रभारी मेरठ कैंट के भाजपा विधायक अमित अग्रवाल ने भाजपा कोर ग्रुप की बैठक ली। कुल 17 दावेदारों ने उम्मीदवारी के लिए आवेदन किया है। मेयर संजीव वालिया ने आवेदन नहीं किया हैं। उन्होंने कहा कि पारिवारिक कारणों से उन्होंने चुनाव लड़ने से मना किया है। बसपा के पूर्व विधायक एवं मायावती के विश्वासपात्र रविंद्र मोल्लू ने कहा कि इमरान मसूद का जिले के मुसलमानों पर असर है। वह जिस दल में भी रहते हैं मुसलमानों की हमदर्दी और समर्थन उन्हीं के साथ रहता है।

मौजूदा बसपा सांसद हाजी फजर्लुरहमान कुरैशी ने नवंबर 2017 में सहारनपुर नगर निगम के मेयर पद के पहली बार हुए चुनाव में 119200 वोट लेकर भाजपा के विजयी प्रत्याशी संजीव वालिया को कड़ी चुनौती पेश की थी। संजीव वालिया ने 121201 मत प्राप्त किए थे। भाजपा 70 वार्डों में से 28 पार्षद जिताने में सफल रही थी। पांच पार्षद आखिरी के साल में भाजपा में शामिल हो गए थे। वार्डों का आरक्षण बदल जाने से 15 से 20 पार्षद ही पार्टी उन्हें उम्मीदवार बना सकती है। सहारनपुर मेयर पद का चुनाव इस बार फिर से पिछड़े वर्ग का हो गया है। सहारनपुर नगर निगम में इस बार 221450 मतदाता हैं। नगर विधान सभा से उनकी संख्या 180000 ज्यादा है और इनमें 80000 नए मतदाता हैं।

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