बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर उत्पन्न आशंकाओं और आपत्तियों पर बेहतर विचार के लिये इसे सदन की स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ”केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मस्जिद, मदरसा, वक्फ आदि मामलों में जबरदस्ती की दखलअंदाजी तथा मंदिर व मठ जैसे धार्मिक मामलों में अति-दिलचस्पी लेना संविधान व उसकी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त के विपरीत है, अर्थात ऐसी संकीर्ण व स्वार्थ की राजनीति क्या जरूरी है? सरकार राष्ट्रधर्म निभाए।
उन्होंने इसी पोस्ट में कहा, ”मन्दिर-मस्जिद, जाति, धर्म व साम्प्रदायिक उन्माद आदि की आड़ में कांग्रेस व भाजपा आदि ने बहुत राजनीति कर ली और उसका चुनावी लाभ भी काफी उठा लिया, किन्तु अब देश में खत्म हो रहे आरक्षण व गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन आदि पर ध्यान केन्द्रित करके सच्ची देशभक्ति साबित करने का समय आ गया है।” मायावती ने कहा, ”आज संसद में पेश वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जिस प्रकार से इसको लेकर संदेह, आशंकाएं व आपत्तियां सामने आयी हैं, उसके मद्देनजर इस विधेयक को बेहतर विचार के लिए सदन की स्थायी (स्टैण्डिंग) समिति को भेजना उचित। ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सरकार अगर जल्दबाजी न करे तो बेहतर होगा।” गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया। विपक्ष ने इसे मुसलमानों के हितों पर हमला बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया है।