बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने रविवार को कहा कि अडाणी के मुद्दे की वजह से भारत की छवि दांव पर लगी है और हर कोई इसको लेकर चिंतित है, लेकिन सरकार इसे ”बहुत हल्के” में ले रही है। उन्होंने कहा कि अडाणी मामले का भारतीय अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालीन प्रभाव पड़ेगा और दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार इस देश के लोगों को भरोसे में नहीं ले रही है।
मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा, रविदास जयंती पर अडाणी प्रकरण को कैसे भूला जा सकता है क्योंकि ये नई चिंता का कारण है। इस तरह के मामलों का हल ढूढ़ने के बजाय सरकार लोगों को नजरअंदाज कर नए वादे कर रही है। अडाणी मुद्दे की वजह से भारत की छवि दांव पर लगी है और हर कोई चिंतित है, लेकिन सरकार इस मुद्दे को बहुत हल्के में ले रही है।
उन्होंने कहा, विश्व में अपनी रैंकिंग स्थापित करने वाले इस देश के एक कारोबारी की वजह से भारत का आर्थिक जगत निराश है और अवसाद में है। इसका इस देश की अर्थव्यवस्था और आम जीवन पर दीर्घकालीन असर पड़ने जा रहा है। अन्य मामलों की तरह ही अडाणी के मामले में सरकार इस देश के लोगों को सदन के माध्यम से भरोसे में नहीं ले रही। सरकार को लोगों के भरोसे के साथ नहीं खेलना चाहिए। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी ‘शॉर्ट सेलर’ और वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग ने करीब 10 दिन पहले अडाणी समूह के खिलाफ कंपनी संचालन के मोर्चे पर गड़बड़ी के कई आरोप लगाए थे, जिसके बाद से अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। अहमदाबाद स्थित अडाणी समूह ने सभी आरोपों का खंडन किया है और इसे भारत पर सुनियोजित हमला करार दिया है।