नगर निगमों में भी बैलेट पेपर से कराए जाएं चुनाव : मायावती

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बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने सोमवार को राज्य में नगरीय निकायों के चुनाव में नगर निगम के चुनाव भी मत पत्र कराने की मांग की है। मायावती ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा, नगर निगम का चुनाव ईवीएम से नहीं बल्कि मत पत्रों से ही करायें। इसके अलावा चुनाव पूरी तरह से निष्‍पक्ष कराये जायें । यह सरकार से और संबंधित अधिकारियों से हमारी मांग है। राज्य चुनाव आयुक्त मनोज कुमार के अनुसार 17 महापौर, 1420 पार्षद का चुनाव ईवीएम से होगा, जबकि नगर पालिका परिषदों के 199 अध्यक्ष, नगर पालिका परिषदों के 5327 सदस्य, नगर पंचायतों के 544 अध्यक्ष और नगर पंचायतों के 7178 सदस्यों के निर्वाचन के लिये चुनाव मत पत्र के जरिए होगा।

मायावती ने कहा कहा, बसपा ने यह चुनाव पूरी तैयारी व दमदारी के साथ लड़ने का फैसला किया है ताकि प्रदेश में नगर निकाय स्तर पर सही लोग चुनकर जा सकें और फिर वे सर्वसमाज में से विशेषकर ग़रीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों, मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों के हितों का हर मामले में पूरा-पूरा ध्यान रखने की जिम्मेदारी निभा सकें। उन्‍होंने कहा कि निकाय स्तर पर भी जागरूक, निर्भीक, योग्य और ईमानदार जनप्रतिनिधि चुनने की सख़्त ज़रूरत है जिसमें ख़ासकर ग़रीबों, दलितों, पिछड़ों एवं मुस्लिम तथा अन्य अक्लियतों आदि को भी अपनी अहम भूमिका निभानी होगी। मायावती ने कहा कि यदि ये नगर निकाय के चुनाव सरकारी द्वेष, पक्षपात व अनुचित दख़लन्दाज़ी आदि से मुक्त एवं पाक-साफ होकर चुनाव की प्रक्रिया को सही से लागू करके कराये गये, तो फिर इस चुनाव का महत्त्व खासकर उप्र के नगर विकास व यहां के लोगों की उन्नति एवं स्थानीय स्तर पर रोटी-रोजी में भी काफी सहायक सिद्ध हो सकता है।

बसपा नेता ने कहा कि विरोधी पार्टियों में भी विशेषकर भाजपा के लोग, सपा राज की तरह ही, इस चुनाव में अनेक प्रकार के हथकंडे अपनाने तथा हर प्रकार के जोड़तोड़ आदि करने में लगे हैं। इसके तहत अब यहां इनकी संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ की ख़ातिर पसमान्दा मुस्लिम समाज का राग आपना भाजपा एवं राष्‍ट्री्य स्‍वयं सेवक संघ का नया शिगुफा बनकर लोगों के सामने आ रहा है, जबकि मुस्लिम समाज वास्तव में पहले मुसलमान है तथा उनके प्रति भाजपा की सोच, नीति, नीयत एवं उनका ट्रैक रिकार्ड कितना द्वेषपूर्ण तथा घातक है यह किसी से भी छिपा नहीं है।

प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती ने कहा कि भाजपा की मुस्लिम समाज के प्रति नकारात्‍मक सोच का ही परिणाम है कि इनकी सरकार में भी वे लोग लगभग उतने ही ग़रीब, पिछड़े, त्रस्त एवं जान-माल तथा मज़हब आदि के मामलों में भी अपने आपको वैसा ही असुरक्षित महसूस करते हैं जितने वे कांग्रेस पार्टी के राज में थे। बसपा प्रमुख ने कहा कि वैसे वर्तमान में भाजपा व पिछली कांग्रेसी एवं समाजवादी पार्टी सरकार की गलत नीतियों व जनविरोधी कार्यकलापों आदि के कारण ही यहां केवल दलित, आदिवासी, अति-पिछड़े व मुस्लिम समाज ही पसमान्दा (पिछड़ा) नहीं बना हुआ है बल्कि अब तो यहां ग़रीबी, बेरोज़गारी के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य व सड़क आदि की भी बदहाल हुई स्थिति के कारण पूरा उत्तर प्रदेश ही एक प्रकार से पिछड़ा हुआ पसमान्दा समाज बन गया है।

उत्तर प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयोग ने रविवार को राज्य में नगरीय निकायों के चुनाव की अधिसूचना जारी करते हुये राज्य चुनाव आयुक्त मनोज कुमार ने रविवार को पत्रकारों को बताया था कि चुनाव दो चरणों में चार मई तथा 11 मई को होगा जबकि 13 मई को मतों की गिनती की होगी। कुमार ने बताया था, राज्य के 760 नगरीय निकाय चुनाव के अन्तर्गत कुल 14,684 पदों पर चुनाव होंगे। उन्होंने बताया था कि इसमें 17 महापौर, 1420 पार्षद, नगर पालिका परिषदों के 199 अध्यक्ष, नगर पालिका परिषदों के 5327 सदस्य, नगर पंचायतों के 544 अध्यक्ष और नगर पंचायतों के 7178 सदस्यों के निर्वाचन के लिये चुनाव होगा। उत्‍तर प्रदेश में महापौर का चुनाव आगरा, झांसी, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद, सहारनपुर, मेरठ, लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन नगर निगम में होगा।

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