यूपी निकाय चुनावों में हेराफेरी करने की कोशिश के बावजूद सफल नहीं हुई भाजपा : मायावती

0
124

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि महापौर के पदों को छोड़ दें, तो उत्तर प्रदेश में हाल ही में संपन्न स्थानीय नगर निकाय चुनावों में ‘हेराफेरी’ करने की कोशिशों के बावजूद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सफलता नहीं मिली। सत्ताधारी पार्टी पर सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि महापौर चुनाव को छोड़कर जनता ने भाजपा की योजना को कामयाब नहीं होने दिया। हालांकि, महापौर के लिए हुए चुनाव में सभी 17 पदों पर भाजपा प्रत्याशी विजयी हुए। नगर निकाय चुनाव के बाद बसपा प्रमुख ने यहां प्रदेश पार्टी कार्यालय में उप्र के सभी छोटे-बड़े पार्टी पदाधिकारियों तथा 18 मंडलों एवं 75 जिलों के अध्यक्षों के साथ विशेष समीक्षा बैठक की।

हाल ही में हुए नगर निकाय चुनाव का जिक्र करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, भाजपा चाहे जो दावा करे, लेकिन वास्तविकता यह है कि शुरू से लेकर अंत तक इस चुनाव के दौरान जोड़तोड़ और हेराफेरी के प्रयास किये गये, लेकिन इसके बावजूद महापौर चुनाव को छोड़कर लोगों ने भाजपा की दाल बहुत ज्यादा नहीं गलने दी। मायावती ने कहा कि महापौर का मेयर का चुनाव भी यदि ईवीएम की जगह मतपत्र से होता तो निश्चय ही चुनाव परिणाम की तस्वीर कुछ और होती। उन्‍होंने कहा कि सपा की नकारात्मक राजनीति को भी लोगों ने पसंद नहीं किया, जबकि खासकर आगरा व सहारनपुर के महापौर चुनाव में बसपा को घिनौनी साजिश करके हरा दिया गया। गौरतलब हैं कि उप्र में हाल ही में समाप्त हुए नगर निगम चुनावों में प्रदेश में महापौर की सभी 17 सीट पर भारतीय जनता पार्टी को सफलता मिली है, बसपा और सपा को एक सीट पर भी जीत नहीं मिली।

राज्य में 2017 में हुए नगर निकाय चुनाव में मेयर पद की 16 सीट में से 14 पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी, जबकि अलीगढ़ और मेरठ में बसपा ने जीत दर्ज की थी। बैठक में मौजूद पार्टी के एक नेता के मुताबिक अभी बसपा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने की तैयारी कर रही है और इस दिशा में निर्देश पार्टी प्रमुख ने दिए हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके 10 सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन सपा को पांच सीट पर जीत मिली थी। इसके बाद दोनों दल अलग हो गए। मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि आगामी लोकसभा आम चुनाव को देखते हुए गांव-गांव में सामूहिक प्रयास को और तेज करने की जरूरत है।

मायावती ने चुनाव आयोग से सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और राजनीति में धर्म के बढ़ते प्रभाव पर रोक लगाने की मांग की। उन्‍होंने कहा कि उप्र के करोड़ों लोग अपनी गरीबी-लाचारी तथा पिछड़ेपन आदि को दूर करके अपनी बेहतरी व अपने परिवार के उज्ज्वल भविष्य के लिए बदलाव की चाह रखते हैं, ऐसे में बहुजन समााज पार्टी को सत्ता परिवर्तन का सही व सार्थक विकल्प बनकर आगे आना होगा। किसी को भी कानून अपने हांथ में नहीं लेने का सख्त निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के जनाधार को बढ़ाना एक सतत प्रक्रिया है जिसके लिए निरंतर सामूहिक प्रयास करना चाहिए।

Previous articleभाजपा कायरों की जमात, समाजवादियों की ताकत उससे ज्‍यादा है : अखिलेश
Next articleयूपी एसटीएफ को बड़ी सफलता, अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज चलाने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, 132 लोग गिरफ्तार

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here