अयोध्या। फैजाबाद संसदीय सीट से तीसरी बार जीतकर ‘हैट्रिक’ बनाने की जीतोड़ कोशिशों में लगे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव इस ”डर से अयोध्या में राम मंदिर नहीं जा रहे हैं कि उन्हें अल्पसंख्यकों के वोट नहीं मिलेंगे।” सिंह ने यह भी कहा कि भाजपा कभी भी हिंदू-मुस्लिम की राजनीति नहीं करती। सिंह से प्रश्न किया गया कि क्या उन्हें लगता है कि गांधी और यादव यहां आने में झिझक रहे हैं तो उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ”उन्हें लगता है कि अगर वे (राम मंदिर) जाएंगे, तो उन्हें अल्पसंख्यकों का वोट नहीं मिलेगा और इसलिए वे नवनिर्मित मंदिर के दर्शन करने नहीं जा रहे हैं।” भाजपा सांसद ने कहा ”जुलाई 2005 में जब राम जन्मभूमि पर हथगोले फेंके गए और फिर एक आतंकवादी हमला हुआ तब उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव (सपा संरक्षक) की सरकार थी।
विस्फोटों के बाद राज्य सरकार का एक भी मंत्री अयोध्या नहीं गया। इससे आप (उनके बारे में) समझ सकते हैं और वे दावा करते हैं कि वे भगवान राम के भक्त हैं।” पांच जुलाई 2005 को अयोध्या में हुए आतंकवादी हमले में दो लोगों की मौत हो गई थी और अर्धसैनिक बल के सात जवान घायल हो गए थे। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने जैश-ए-मोहम्मद के पांच संदिग्ध आतंकवादियों को मार गिराया था। राहुल गांधी के इन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कि 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रमुख हस्तियों और बड़े व्यापारियों को आमंत्रित किया गया था जबकि गरीब लोग, मजदूर और किसान कहीं नहीं दिखे, सिंह ने कहा, “समाज के विभिन्न वर्गों के लोग, जिन्होंने मंदिर बनाने में मदद की थी को आमंत्रित किया गया था। उन्हें (गांधी) भी आमंत्रित किया गया था, इसके अलावा देश भर से संत भी उसमें उपस्थित थे।” दरअसल 12 फरवरी को गांधी ने छत्तीसगढ़ के कोरबा में कहा कि उन्होंने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन और बड़े व्यापारी देखे, लेकिन गरीब लोग, मजदूर और किसान कहीं नहीं दिखे।” इस पर सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “उन्हें (गांधी) अपने इतिहास के बारे में बात करनी चाहिए। 60 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद वे (कांग्रेस) वह करने में विफल क्यों रहे जो मोदी ने (10 साल में) किया।” सांसद ने आरोप लगाया, ” कांग्रेस की हुकूमत में गांवों में लोगों तक बिजली नहीं पहुंची, गरीबों के पास न तो घर थे, न शौचालय और न ही किसी के पास एलपीजी गैस कनेक्शन था।
उन्होंने कभी इन (मुद्दों) पर विचार नहीं किया और अब बेकार की बातें कर रहे हैं।” इन दावों का खंडन करते हुए कि विपक्षी दलों की एकता मौजूदा लोकसभा चुनाव के नतीजों पर असर डाल सकती है 69 वर्षीय नेता ने कहा, “वहां (विपक्ष में) कौन है जो वे एकजुट होंगे? क्या कांग्रेस के पास उत्तर प्रदेश में कुछ है?” यह पूछे जाने पर कि भाजपा हिंदू-मुस्लिम की राजनीति कर रही है, सिंह ने कहा, “हमने ऐसा कभी नहीं किया। आप अयोध्या के मुसलमानों से पूछ सकते हैं और अगर हमने ऐसा कुछ किया है तो बताएं।” फैजाबाद लोकसभा सीट में पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं – दरियाबाद, रुदौली, मिल्कीपुर (आरक्षित), बीकापुर और अयोध्या। दरियाबाद पड़ोसी जिले बाराबंकी में स्थित है जबकि चार अन्य विधानसभा क्षेत्र अयोध्या जिले में हैं। सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर से विधायक हैं, जबकि दरियाबाद का प्रतिनिधित्व भाजपा के सतीश शर्मा, रुदौली का भाजपा के रामचंद्र यादव, बीकापुर का भाजपा के अमित सिंह चौहान और अयोध्या का प्रतिनिधित्व भाजपा के वेद प्रकाश गुप्ता करते हैं। फैजाबाद लोकसभा सीट के लिए पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होना है। फैजाबाद से 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।