नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की खटीमा विधानसभा में तैनात दो पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण के मामले में कांग्रेस प्रत्याशी भुवन चंद्र कापड़ी को राहत नहीं दी और साथ ही याचिका को साक्ष्यों के अभाव में खारिज कर दिया है। खटीमा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी एवं हरीश रावत के करीबी भुवन चंद्र कापड़ी की ओर से न्यायालय में एक याचिका दायर कर इस मामले को चुनौती दी गयी थी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि खटीमा विधानसभा के अंतर्गत झनकइया और खटीमा थाना में दो पुलिस अधिकारी नरेश चौहान और दिनेश सिंह फर्त्याल लंबे समय से तैनात हैं।
कुछ समय पहले दोनों अधिकारियों का स्थानांतरण हुआ था लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से दोनों का स्थानांतरण रोक दिया गया। इस मामले को जब चुनाव आयोग के संज्ञान में लाया गया तो चुनाव आयोग की ओर से भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी। मामले की सुनवाई आज न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की अदालत में हुई। सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत की ओर से अदालत को बताया गया कि नर्विाचन आयोग की ओर से याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन को नस्तिारित कर दिया गया है। आयोग की ओर से इस प्रकरण में एक रिपोर्ट मांगी गयी लेकिन आरोप गलत पाए गए हैं। इसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता से ठोस सबूत पेश करने को कहा लेकिन याचिकाकर्ता की ओर से कोई साक्ष्य पेश नहीं किया गया। अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में याचिकाकर्ता को कोई राहत नहीं दी और उसकी याचिका को खारिज कर दिया।