यूपी की जेलों में बंद अशरफ और मुख्तार अंसारी की खातिरदारी में बड़ी कार्रवाई हुई है। केन्द्रीय कारागार नैनी तथा बरेली और बांदा के जिला कारागारों में एक अप्रैल को छापेमारी के दौरान आपत्तिजनक सामग्री मिलने पर तीनों स्थानों पर तैनात रहे वरिष्ठ कारागार अधीक्षकों को प्रशासनिक शिथिलता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। जेल विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि जिन लोगों को निलंबित किया गया है, उनमें नैनी जेल के वरिष्ठ अधीक्षक शशिकांत सिंह, बांदा जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक अविनाश गौतम और बरेली जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक राजीव शुक्ला शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल को इन जेलों में आपत्तिजनक सामग्री पाए जाने के बाद इन अधिकारियों को प्रशासनिक शिथिलता के लिए निलंबित किया गया है।
इसके पहले बरेली में एक अन्य अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बरेली जिला जेल में माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद के भाई तथा पूर्व विधायक अशरफ से अपराधियों की नियम विरूद्ध मुलाकात कराने और सहूलियत देने के आरोप में जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला को निलंबित किया गया है। सूत्रों ने बताया कि कारा उप महानिरीक्षक की जांच रिपोर्ट के आधार पर जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला को निलंबित किया गया है। कारागार महानिदेशक एसएन साबत ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की। एक अधिकारी ने बताया कि इससे पहले बरेली जिला कारागार के जेलर राजीव कुमार मिश्रा, मुलाकात अधिकारी डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह और पांच वार्डरों को निलंबित कर दिया गया था। इनमें से दो वार्डर गिरफ्तार हो चुके हैं।
प्रयागराज में विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद मिले इनपुट के आधार पर बरेली जेल के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मिलने पर कारा उप महानिरीक्षक आर एन पांडेय को जांच सौंपी गई थी। पांडेय ने हाल ही में अपनी जांच रिपोर्ट कारागार महानिदेशक को सौंप दी थी। दंडित किये गये अधिकारियों पर नियमों की अनदेखी कर अशरफ को सहूलियत देने का आरोप है। इससे पहले अशरफ से बिना पर्ची शूटरों और गुर्गो की मुलाकात कराने के मामले में बिथरी चैनपुर थाने में संबंधित धाराओं में प्राथमिकी भी दर्ज की गयी थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उमेश पाल हत्याकांड की जांच में यह बात सामने आयी कि बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ ने भी साजिश रची और अपराधियों से मिलकर उसे अमलीजामा पहनाने में भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि उमेश पाल की हत्या से 13 दिन पहले 11 फरवरी को बरेली जेल में अतीक गिरोह के नौ अपराधियों ने अशरफ से मुलाकात की थी।