उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद जिले की एक विशेष अदालत ने करीब 15 साल पुराने एक मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) नेता मोहम्मद आजम खान और उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम को दो साल की सजा और तीन हजार रूपये जुर्माना लगाया है। विशेष लोक अभियोजक मोहन लाल बिश्नोई ने बताया कि 2008 छजलैट प्रकरण में एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने आजम खान और उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया और धारा 341 में एक महीना सजा और 300 रुपए का जुर्माना, दफा 353 में दो साल की सजा और दो हजार रुपए जुर्माना जबकि सात क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट में छह महीने की सजा और 500 रुपए का जुर्माना लगाया है। दूसरी ओर बचाव पक्ष के अधिवक्ता का कहना है कि आज़म खां और अब्दुल्ला आजम दोनों की जमानत के लिए बांड जमा कर दिए हैं। उन्होंने जल्दी ही अदालत से जमानत मिलने की उम्मीद जताई है।
गौरतलब है कि 31 दिसंबर 2007 की रात उत्तर प्रदेश के रामपुर स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कैंप सेंटर पर आतंकी हमला हुआ था। उसके बाद पुलिस द्वारा वाहनों की गहन तलाशी अभियान चलाया हुआ था। 29 जनवरी 2008 को समाजवादी पार्टी नेता आज़म खां की कार समेत काफिले को चैकिंग के पुलिस द्वारा रोके जाने तथा उनकी गाड़ी के शीशों पर काली पन्नी हटाने को लेकर खफा आज़म खां हरिद्वार स्टेट हाइवे पर बैठ गए थे और हंगामा किया था। आरोप है कि आसपास के जनपदों से भी सपा नेता के काफी समर्थन में मौके पर पहुंच गए थे, जिससे हरिद्वार मार्च पर जाम लग गया और यातायात व्यवस्था ठप हो गई थी।
छजलैट थाना पुलिस ने इस मामले में आज़म खां समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की सुनवाई चल रही थी। पिछली छह फरवरी को 313 के तहत सपा नेता आजम खां ने अदालत में अपने बयान दर्ज कराए थे। बहस पूरी हो जाने के बाद अगली सुनवाई की 13 फरवरी निर्धारित कर अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज आए अदालत के फैसले में सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा और जुर्माना लगाया है। अदालत ने बाकी सात लोगों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया है। वहीं बचाव पक्ष ने जल्दी जमानत मिलने की उम्मीद से अदालत में अर्जी लगाई है।