संभल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि समय का चक्र बदल गया है और देश न केवल अपनी प्राचीन मूर्तियों को विदेशों से वापस ला रहा है बल्कि रिकॉर्ड विदेशी निवेश भी प्राप्त कर रहा है। उत्तर प्रदेश के संभल में श्री कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ तीर्थ स्थलों का विकास किया जा रहा है तो दूसरी तरफ शहरों में अत्याधुनिक अवसरंचनाएं तैयार हो रही हैं। मोदी ने कहा, आज एक ओर हमारे तीर्थो का विकास हो रहा हैं, तो दूसरी ओर शहरों में हाईटेक इन्फ्रास्ट्रक्चर भी तैयार हो रहा है । आज अगर मंदिर बन रहे हैं तो देश भर में नये मेडिकल कॉलेज भी बन रहे हैं। आज विदेशों से हमारी प्राचीन मूर्तियां भी वापस लायी जा रही हैं और रिकॉर्ड संख्या में विदेशी निवेश भी आ रहा हैं । यह परिवर्तन इस बात का प्रमाण है कि समय का चक्र घूम चुका हैं।
एक नया दौर आज हमारे दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। यह समय है कि हम उस आगमन का दिल खोलकर स्वागत करें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमृत काल में राष्ट्र निर्माण के लिए पूरी सहजता, शताब्दी का यह संकल्प केवल एक अभिलाषा भर नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा संकल्प है जिसे हमारी संस्कृति ने हर कालखंड में जी कर दिखाया है। प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर इशारों ही इशारों में हमला बोला। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, अच्छा हुआ कुछ दिया नहीं, वरना जमाना ऐसा बदल गया है कि आज के युग में अगर सुदामा श्रीकृष्ण को पोटली में चावल देते तो वीडियो निकालकर उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर दी जाती और जजमेंट आता कि भगवान कृष्ण को भ्रष्टाचार में कुछ दिया गया और भगवान कृष्ण भ्रष्टाचार कर रहे थे। अच्छा है प्रमोद जी आपने भावना प्रकट की कुछ दिया नहीं। उन्होंने कहा, पिछले माह ही देश ने अयोध्या में 500 साल के इंतजार को पूरा होते देखा है।
रामलला के विराजमान होने का वो अलौकिक अनुभव, वो दिव्य अनुभूति अब भी हमें भावुक कर जाती है। इसी बीच हम देश से सैकड़ों किमी दूर अरब की धरती पर, अबू धाबी में पहले विराट मंदिर के लोकार्पण के साक्षी भी बने हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, इसी कालखंड में हमने विश्वनाथ धाम के वैभव को निखरते देखा है। इसी कालखंड में हम काशी का कायाकल्प होते देख रहे हैं। इसी दौर में महाकाल के महालोक की महिमा हमने देखी हैं। हमने सोमनाथ का विकास देखा है, केदार घाटी का पुनर्निर्माण देखा है। हम ‘विकास भी, विरासत भी’ के मंत्र को आत्मसात करते हुए चल रहे हैं।” उन्होंने कहा कि आज हम देश में जो सांस्कृतिक पुनरोदय देख रहे हैं, आज अपनी पहचान पर गर्व और उसकी स्थापना का जो आत्मविश्वास देख रहे हैं, वो प्रेरणा हमें छत्रपति शिवाजी महाराज से ही मिलती है। प्रधानमंत्री ने कहा, आज पहली बार भारत उस मुकाम पर है, जहां हम अनुसरण नहीं कर रहे, उदाहरण पेश कर रहे हैं। आज पहली बार भारत को प्रौद्योगिकी और डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संभावनाओं के केंद्र के रूप में देखा जा रहा है ।
हमारी पहचान इनोवेशन हब के तौर पर हो रही है। उन्होंने कहा, आज हमारी शक्ति भी अनंत है और हमारे लिए संभावनाएं भी अपार हैं। पहली बार भारत का नागरिक, चाहे वह दुनिया के किसी भी देश में हो, अपने आपको गौरवान्वित महसूस करता है । देश में सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास का यह लबरेज है। उन्होंने कहा, हम पहली बार दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जैसे बड़े मुकाम पर पहुंचे हैं। हम चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव तक पहुंचने वाले पहले देश बने हैं। पहली बार भारत में वंदेभारत और नमोभारत जैसी आधुनिक ट्रेन दौड़ रही हैं। देश में बुलेट ट्रेन शुरू करने की तैयारी है। पहली बार आधुनिक राजमार्ग, एक्सप्रेसवे का इतना बड़ा नेटवर्क हैं। मोदी ने कहा, आज हमें भारत में उसी विराट चेतना के दर्शन हो रहे हैं। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास। इस भावना के साथ हर देशवासी एक भाव और एक संकल्प से राष्ट्र के लिए काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने सरकार के किए गये विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा, पिछले दस वर्षों में कार्यों के विस्तार को देखिए, चार करोड़ से ज्यादा लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के घर, 11 करोड़ परिवारों के लिए शौचालय यानी इज्ज्तघर, ढाई करोड़ परिवारों को घर में बिजली, दस करोड़ से अधिक परिवारों को पानी के कनेक्शन, 80 करोड़ लोगो को मुफ्त राशन, दस करोड़ महिलाओं को कम कीमत पर गैस सिलेंडर, 50 करोड़ लोगों को स्वस्थ जीवन के लिए आयुष्मान कार्ड, दस करोड़ किसानों को किसान सम्मान निधि, कोरोना काल में हर देशवासी को नि:शुल्क वैक्सीन मिली। आज पूरी दुनिया में भारत के इन कामों की चर्चा हो रही है।
मोदी ने कहा, देश में यह काम इसलिए हो सकें क्योंकि सरकार के इन प्रयासों से देशवासियों का सामर्थ्य जुड़ गया। आज लोग सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए गरीबों की मदद कर रहे हैं। गरीब की सेवा का यह भाव समाज को नर में नारायण की प्रेरणा देने वाले हमारे आध्यात्मिक मूल्यों से मिली है। भारत जब भी बड़े संकल्प लेता है उसके मार्गदर्शन के लिए ईश्वरीय चेतना किसी न किसी रूप में हमारे बीच जरूर आती है। प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर के एक मॉडल का भी अनावरण किया। इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कल्कि धाम पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम भी उपस्थित रहे। श्री कल्कि धाम का निर्माण श्री कल्कि धाम निर्माण न्यास द्वारा किया जा रहा है जिसके अध्यक्ष कृष्णम हैं। कल्कि धाम मंदिर परिसर पांच एकड़ में बनकर तैयार होगा और इसका निर्माण पूरा करने के लिए पांच वर्ष का लक्ष्य रखा गया है। इस मंदिर के निर्माण में भी बंसी पहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल होगा। मनाथ मंदिर और अयोध्या का राम मंदिर भी बंसी पहाड़पुर के पत्थरों से ही बना है। मंदिर के शिखर की ऊंचाई 108 फुट होगी। इसमें स्टील या लोहे का इस्तेमाल नहीं होगा। श्री कल्कि धाम मंदिर में 10 गर्भगृह होंगे जिनमें भगवान विष्णु के 10 अवतारों के विग्रह स्थापित किए जाएंगे। इस कार्यक्रम में देशभर से संतों और धार्मिक नेताओं ने भाग लिया।