गोंडा। यूपी के गोंडा जिले की एक अदालत ने पांच वर्ष पहले हुई एक दलित युवक की हत्या के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने सजा के अलावा दोषी पर 16 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया और जुर्माना राशि का भुगतान नहीं करने पर नौ महीने की अतिरिक्त कैद का आदेश दिया। अदालत ने मामले में शामिल दो अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
विशेष लोक अभियोजक (एससी-एसटी अधिनियम) कृष्ण प्रताप सिंह व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता हर्षवर्धन पाण्डेय ने शनिवार को बताया कि जिले के मनकापुर थानाक्षेत्र के बल्लीपुर गांव में 14 अगस्त 2020 को एक लड़की से छेड़खानी का विरोध करने पर उसके भाई राहुल (20) की चाकू से हमला कर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि मृतक की मां मैनावती ने सुमित्रानंदन (30), राकेश चौहान और अब्दुल कादिर के खिलाफ स्थानीय थाने में सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कराया था।
अधिवक्ताओं के अनुसार, बल्लीपुर हतवा निवासी सुमित्रानंदन राहुल की बहन से आए दिन छेड़छाड़ किया करता था और जब उसने इस बात का विरोध किया तो आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने बताया कि बाद में सुमित्रानंदन ने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर राहुल की हत्या कर दी। पुलिस ने घटना के अगले ही दिन हत्या में प्रयुक्त हथियार के साथ मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और तीन लोगों को नामजद करते हुए न्यायालय में आरोपपत्र दायर किया। विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी अधिनियम) सूर्य प्रकाश सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुमित्रानंदन को दोषी ठहराते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई और जुर्माना लगाया।