प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि ”देश को बंटने मत दो। अगर ऐसा हुआ तो आर-पार की लड़ाई शुरू हो जाएगी”, जो आज हमारे सामने है। योगी ने शुक्रवार को बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर लखनऊ में आंबेडकर महासभा में कहा, ” आज बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं, बौद्धों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की हत्या की जा रही है। उन्हें जलाया जा रहा है। उनकी संपत्तियों को लूटा जा रहा है। इतना ही नहीं माताओं-बहनों की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि जब तक बांग्लादेश में जिन्ना का जिन्न रहेगा तब तक इस तरह की अराजकता होती रहेगी। वहां पर गरीबों और वंचितों का शोषण हो रहा है। यह पाप 1947 में देश के विभाजन के रूप में सभी के सामने आया था।
उसी का बदसूरत स्वरूप बांग्लादेश के रूप में फिर हमारे सामने है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने 1946-47 में ही जनता को इसे लेकर आगाह कर दिया था, उन्होंने कहा था कि देश का बंटवारा मत होने दीजिए। अगर यह हो गया तो आर-पार की लड़ाई शुरू हो जाएगी, जो आज हमारे सामने है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने हजरतगंज स्थित बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, ” आज कुछ लोग समाज को धोखा दे रहे हैं। वह समाज में झूठ फैला रहे हैं। यह वही लोग हैं, जो उस समय हैदराबाद के निजाम और उनके रजाकारों द्वारा दलितों के गांव जलाए जा रहे थे तो चुप थे। उस दौरान उनका शोषण हो रहा था। उन पर अत्याचार किया जा रहा था। उस समय भी बाबा साहब आंबेडकर ने खुला पत्र लिखा था कि हैदराबाद के निजाम की रियासत के सभी दलितों, जिन पर अत्याचार हो रहा है, वह निजाम की रियासत को छोड़कर महाराष्ट्र की ओर चले जाएं, लेकिन अपना धर्म और मत न बदलें।” योगी ने कहा, “वहीं हैदराबाद के निजाम और पाक परस्त जिन्ना के लोगों ने अपने नापाक इरादों को अंजाम देने के लिए बाबा साहब को प्रलोभन देने का प्रयास किया, लेकिन वह अपने आदर्शों से टस से मस नहीं हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योगेंद्र नाथ मंडल की बातों में आकर जो लोग बहक गये थे, वह आज पाकिस्तान और बांग्लादेश में अत्याचार सह रहे हैं। यह दृश्य आज हम सभी के सामने हैं। योगी ने कहा कि वर्ष 1947 में पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं की बड़ी तादाद में आबादी थी। बांग्लादेश में 1971 तक 22 प्रतिशत हिंदू रहते थे, आज वह घटकर छह से आठ फीसदी रह गये हैं। योगी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ” वह लोग जो हमेशा दलितों को अपना वोट बैंक बना कर उनका शोषण करते आए हैं, वह बांग्लादेश की घटना पर मौन हैं। उनके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकल रहा है क्योंकि वह सच स्वीकार नहीं कर सकते हैं और सच बोल भी नहीं सकते हैं। उनमें बोलने का सामर्थ्य नहीं है इसलिए वह बांग्लादेश के दृश्य पर मौन हैं। यह लोग सिर्फ संविधान की प्रति दिखाकर ढोंग कर रहे हैं। उन्हें बाबा साहब के मूल्यों से कोई लेना देना नहीं है। इससे पहले भी इन्होंने बाबा साहब के मूल संविधान पर कुठाराघात करके उसकी हत्या करने का प्रयास किया था।” मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना उसकी आत्मा होती है और कांग्रेस ने संविधान की प्रस्तावना से उसकी आत्मा हटाने का काम किया है। वर्ष 1975 में देश में आपातकाल लागू करके बाबा साहब का अपमान किया था, आज भी कांग्रेस यही कर रही है।