भाजपा की योजना राजस्व बढ़ाने से ज्यादा भ्रष्टाचार बढ़ाने की : अखिलेश यादव

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जीएसटी परिषद द्वारा कई वस्तुओं पर कर बढ़ाए जाने की संभावना की खबरों को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र पर प्रहार करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की योजना राजस्व बढ़ाने से ज्यादा भ्रष्टाचार बढ़ाने की है। अखिलेश ने ‘एक्स’ पर लिखा, “कहां तो भाजपाई कह रहे थे “एक देश, एक कर।” लेकिन उनकी यह बात भी जुमलाई झूठ निकली, क्योंकि अब वे कर की नई ‘स्लैब’ ला रहे हैं। जब “एक कर, कई स्लैब” हैं तो एक कर का नारा सही मायनों में झूठा साबित हुआ न।” उन्होंने कहा, “दरअसल कर की दरें बेतहाशा बढ़ाने के पीछे एक बड़ा खेल है। यह राजस्व बढ़ाने से ज्यादा भ्रष्टाचार बढ़ाने और फिर अधिकारियों के माध्यम से दुकानदारों, कारोबारियों पर दबाव बढ़ाकर ज्यादा वसूली की भाजपाई योजना है।

अखिलेश ने कहा, “दुनिया का नियम है कि जितनी अधिक कर की दर होती है, उतनी ही अधिक कर की चोरी होती है और जितनी अधिक कर की चोरी होती है, उतनी ही अधिक भ्रष्ट सत्ताधारियों की कमाई होती है। भाजपा सरकार में कर चुराने के लिए और उससे वसूली के लिए पिछले दरवाजे के रास्ते पहले तैयार कर लिए जाते हैं। उसके बाद कोई कर योजना सामने के दरवाजे से बाहर नहीं आती।” उन्होंने कहा, “हर कर को चुकाने का बोझ आखिर में जनता पर ही आता है। इसलिए घूम-फिरकर कर की चक्की में जनता ही पिसती है, जनता ही मारी जाती है।” अखिलेश ने एक समाचार पत्र की ‘कटिंग’ भी इस पोस्ट में साझा की है जिसका शीर्षक है, “सिगरेट, तंबाकू पर जीएसटी बढ़ाकर 35 प्रतिशत की जा सकती है, जीएसटी परिषद का निर्णय 21 दिसंबर को।

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