नरसिंहानंद की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर मायावती ने की सख्त कार्रवाई की मांग

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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने पैगंबर मोहम्मद साहब के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर गाजियाबाद जिले के डासना स्थित मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद पर निशाना साधते हुए रविवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को संविधान में प्रदत्त धर्मनिरपेक्षता की गारंटी का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। मायावती ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ”उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के महंत ने इस्लाम के खिलाफ फिर नफरती बयानबाजी की जिससे उस पूरे इलाके में तथा देश के कई हिस्सों में अशांति एवं तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ तो कार्रवाई की लेकिन मूल दोषी भयमुक्त है।

उन्होंने कहा, ”भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्षता यानी सभी धर्मों के समान आदर-सम्मान की गारंटी सुनिश्चित करता है। अतः केंद्र एवं राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करें ताकि देश में शांति रहे तथा विकास बाधित न हो।” यति नरसिंहानंद पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद एक मामला दर्ज किया गया है। उनकी टिप्पणी के खिलाफ गाजियाबाद समेत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों और अन्य राज्यों में भी प्रदर्शन हुए। नरसिंहानंद के भड़काऊ बयान का वीडियो वायरल होने के बाद डासना देवी मंदिर के बाहर बड़ी संख्या में लोगों ने एकत्र होकर उनके खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसके बाद मंदिर परिसर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई। नरसिंहानंद के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। इनमें दिसंबर 2021 में हरिद्वार में एक सम्मेलन के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने का मामला भी शामिल है।

डासना मंदिर के बाहर शुक्रवार को हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर वेव सिटी थाने में डासना पुलिस चौकी प्रभारी भानु की शिकायत पर 150 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अधिकारियों के अनुसार, शनिवार को महाराष्ट्र के अमरावती शहर में महंत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। नरसिंहानंद की टिप्पणी के खिलाफ शुक्रवार को नागपुरी गेट थाने के बाहर हिंसक प्रदर्शन हुआ था, जिसमें भीड़ द्वारा पथराव के दौरान 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और 10 पुलिस वैन क्षतिग्रस्त हो गई थीं। पुलिस ने बताया कि यति नरसिंहानंद के खिलाफ नागपुरी गेट थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 (किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य), 302 (किसी अन्य व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर शब्द बोलना), 197 (राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाली कार्रवाई) और अन्य के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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