प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा के सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के साथ परामर्श कर आगामी जन्माष्टमी महोत्सव के दौरान वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर के भगवान (के कार्यक्रम) का विभिन्न स्क्रीन पर सीधा प्रसारण करने का निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय ने कहा, “जब सीसीटीवी कैमरे स्थापित हो जाएं तो सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के साथ सलाह मशविरा किया जाए। जिला मजिस्ट्रेट, सिविल जज के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।” न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की पीठ ने मथुरा के अनंत शर्मा और एक अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को यह आदेश जारी किया। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने उच्च न्यायालय को अवगत कराया कि श्रद्धालुओं की भीड़ का प्रबंधन मंदिर परिसर के भीतर बैरिकेड लगाकर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इससे जिला प्रशासन यह सुनिश्चित कर सकेगा कि किसी खास समय पर एक निश्चित संख्या में ही श्रद्धालुओं को भीतर जाने की अनुमति हो जिससे मंदिर परिसर में जरूरत से अधिक भीड़ न हो। इस याचिका में उचित भीड़ प्रबंधन के लिए प्रार्थना की गई थी, खासकर त्योहारों और छुट्टियों के दिन जब लाखों की संख्या में श्रद्धालु वहां एकत्रित होते हैं। इससे पूर्व, राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया था कि श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए मंदिर के आसपास करीब पांच एकड़ भूमि खरीदने के साथ गलियारा के तौर पर मंदिर का विकास किया जाएगा। योजना के मुताबिक, सेवायत गोस्वामी परिवार की पूजा-अर्चना और श्रृंगार जैसे कार्यक्रमों में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं होगा और गोस्वामी परिवार के जो भी अधिकार हैं, वे बने रहेंगे।