रायबरेली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। राहुल ने इस सीट पर नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा समाप्त होने से मुश्किल से घंटा भर पहले अपना पर्चा दाखिल किया। कांग्रेस ने इससे पूर्व रायबरेली सीट पर उम्मीदवारी को लेकर बने रहस्य से पर्दा हटाते हुए सुबह यहां से राहुल गांधी को मैदान में उतारने की घोषणा की थी। रायबरेली पिछले दो दशक से उनकी मां सोनिया गांधी का निर्वाचन क्षेत्र रहा है। नामांकन पत्र दाखिल करते समय राहुल के साथ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और प्रियंका गांधी वाद्रा तथा उनके पति राबर्ट वाद्रा भी मौजूद थे। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस दौरान गांधी परिवार के साथ थे।
राहुल गांधी 2019 में अमेठी सीट से चुनाव हार गये थे, लेकिन केरल की वायनाड सीट से जीते थे। उन्होंने इस बार भी वायनाड से चुनाव लड़ा है। अमेठी के फुरसतगंज हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद राहुल गांधी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ रायबरेली में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ ‘इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के सहयोगी दलों के नेता भी थे। कांग्रेस ने अमेठी लोकसभा सीट से गांधी परिवार के करीबी किशोरी लाल शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। राहुल गांधी इस बार उस सीट से किस्मत आजमा रहे हैं जिसका प्रतिनिधित्व पूर्व में उनकी मां सोनिया गांधी, दादी इंदिरा गांधी और दादा फिरोज गांधी करते रहे हैं।
भाजपा ने बृहस्पतिवार को दिनेश प्रताप सिंह को रायबरेली से अपना उम्मीदवार घोषित किया था। वह 2019 के लोकसभा चुनाव में सोनिया गांधी से हार गए थे। नामांकन से पहले बृहस्पतिवार शाम को अमेठी जिले में गौरीगंज स्थित कांग्रेस कार्यालय में राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीरों वाले पोस्टर लाए गए। केंद्रीय मंत्री और अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी भी इस सीट से अपना नामांकन पत्र भर चुकी हैं। उन्होंने अपने खिलाफ गांधी परिवार के किसी सदस्य के नहीं उतरने पर चुटकी ली। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘अमेठी में गांधी परिवार का मैदान में नहीं होना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस ने मतदान से पहले ही अमेठी में अपनी हार मान ली है। अमेठी और रायबरेली से कांग्रेस के उम्मीदवारों की घोषणा के कुछ ही समय बाद ईरानी ने कहा, अगर उन्हें इस सीट पर अपनी जीत की थोड़ी भी संभावना लगती तो यहां से चुनाव लड़ते और किसी और को नहीं उतारते। इससे पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने अमेठी और रायबरेली दोनों सीट पर गांधी परिवार के सदस्यों के चुनाव लड़ने की मांग की थी।