प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि परिवारवादी पार्टियां दलित आदिवासियों को आगे बढ़ने नहीं देना चाहतीं और दलित आदिवासियों का बड़े पदों पर बैठना इन्हें बर्दाश्त नहीं होता। मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को यहां सीरगोवर्धन में संत रविदास की 647वीं जयंती पर उनकी भव्य प्रतिमा का अनावरण करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने संत रविदास का एक दोहा सुनाया और उसकी व्याख्या करते हुए कहा, ”ज्यादातर लोग जात-पात के फेर में उलझे रहते हैं, उलझाते रहते हैं, जात-पात का यही रोग मानवता का नुकसान करता है।” उन्होंने किसी पार्टी का नाम लिए बगैर कहा कि परिवारवादी पार्टियों की एक और पहचान यह है कि वे अपने परिवार से बाहर किसी भी दलित आदिवासी को आगे बढ़ने नहीं देना चाहतीं और दलित आदिवासियों का बड़े पदों पर बैठना इन्हें बर्दाश्त नहीं होता। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के चुनाव की याद दिलाई।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”आपको याद होगा जब वह राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनीं तो किन- किन लोगों ने उनका विरोध किया था, किन किन लोगों ने सियासी लामबंदी की। ये सबकी सब परिवारवादी पार्टियां थी, जिन्हें चुनाव के समय दलित, आदिवासी अपना वोट बैंक नजर आने लगता है। हमें इन लोगों से इस तरह की सोच से सावधान रहना है।” दरअसल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 16 फरवरी को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान चंदौली में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि राम मंदिर के उत्सव में प्रधानमंत्री मोदी, अंबानी, अडाणी और अन्य अरबपतियों के लिए लाल कालीन बिछा था, लेकिन वहां देश की आदिवासी राष्ट्रपति, गरीबों, दलितों, बेरोजगार युवाओं और किसानों के लिए जगह नहीं थी। मोदी ने संत रविदास की शिक्षा का हवाला देते हुए कहा कि ”जात, पात के नाम पर जब कोई किसी के साथ भेदभाव करता है तो वो मानवता का नुकसान करता है। अगर कोई किसी को जात पात के नाम पर भड़काता है तो वह भी मानवता का नुकसान करता है।’
उन्होंने दलितों-पिछड़ों को विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के प्रति भी आगाह किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ” इसलिए आज देश के हर दलित को, हर पिछड़े को एक और बात ध्यान रखनी है कि हमारे देश में जाति के नाम पर उकसाने और उन्हें लड़ाने में भरोसा रखने वाले ‘इंडी गठबंधन’ के लोग दलित, वंचित के हित की योजनाओं का विरोध करते हैं। और सच्चाई यह है कि ये लोग जाति की भलाई के नाम पर अपने परिवार के स्वार्थ की राजनीति करते हैं।” मोदी ने विपक्षी दलों पर गरीबों के लिए शौचालय, जनधन खातों और डिजिटल इंडिया जैसी योजनाओं का विरोध करने और उपहास उड़ाने का आरोप लगाते हुए परिवारवादी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आप सब रविदास जी की जयंती के पर्व पर दूर दूर से यहां आते हैं, खासकर पंजाब से इतने भाई-बहन आते कि बनारस ‘मिनी पंजाब’ जैसा लगने लगता और यह सब संत रविदास की कृपा से ही संभव है।
मोदी ने कहा, ”मुझे भी संत रविदास जी बार-बार अपनी भूमि पर बुलाते हैं। मुझे उनके संकल्पों को आगे बढ़ाने का मौका मिलता है। उनके लाखों अनुयायियों की सेवा का अवसर मिलता है। गुरु के जन्म तीर्थ पर उनके सब अनुयायियों की सेवा करना मेरे लिए किसी सौभाग्य से कम नहीं है।” प्रधापमंत्री ने कहा,” यहां का सांसद होने के नाते मेरी विशेष जिम्मेदारी बनती है कि बनारस में सबका स्वागत करूं और आपकी सुविधाओं का ख्याल रखूं। मुझे खुशी है कि यह अवसर मुझे मिला है।” प्रधानमंत्री ने कहा, ”आज मुझे संत रविदास जी की नई प्रतिमा के लोकार्पण का भी सौभाग्य मिला है। संत रविदास म्यूजियम की आधारशिला भी आज रखी गयी है।” मोदी ने समाज सुधारक संत गाडगे को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आज महान समाज सुधारक संत गाडगे बाबा की भी जयंती है और गाडगे बाबा ने भी संत रविदास की तरह दलितों वंचितों के कल्याण के लिए बहुत काम किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ”वर्षों पहले जब मैं राजनीति में नहीं था, किसी पद पर नहीं था तब भी संत रविदास जी की शिक्षा से मेरा मार्गदर्शन होता था। मेरे मन में यह भावना थी कि मुझे रविदास जी की सेवा का अवसर मिले।
उन्होंने कहा कि आज काशी ही नहीं देश की दूसरी जगहों पर भी संत रविदास जी के संकल्पों को पूरा किया जा रहा है साथ ही रविदास जी की शिक्षा को प्रचारित करने के लिए नये केन्द्रों की स्थापना भी हो रही है। भविष्य की चर्चा और कर्तव्य पालन की नसीहत देते हुए मोदी ने कहा कि ”पिछले वर्षों में अमृत काल में विकसित भारत के निर्माण की मजबूत नींव रखी जा चुकी है। अब अगले पांच साल हमें इस नींव पर विकास की इमारत को और ऊंचाई देनी है। गरीब वंचित की सेवा के लिए जो अभियान 10 वर्ष में चले हैं, अगले पांच वर्षों में उन्हें और भी अधिक विस्तार मिलना है। ये सब 140 करोड़ देशवासियों की भागीदारी से ही होगा। इसलिए ये जरूरी है कि देश का हर नागरिक अपने कर्तव्यों का पालन करे।” मोदी ने कहा, ”हमें देश के बारे में सोचना है। हमें तोड़ने वाले, बांटने वाले विचारों से दूर रहकर देश की एकता को मजबूत करना है। मुझे विश्वास है कि संत रविदास जी की कृपा से देशवासियों के सपने जरूर साकार होंगे।” मोदी ने विकास परियोजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि संत रविदास जी की जन्मस्थली के विकास के लिए भी कई करोड़ रुपए की योजनाओं का लोकार्पण हुआ है। मंदिर और मंदिर क्षेत्र का विकास, मंदिर तक आने वाली सड़कों का निर्माण, भक्तों के लिए सत्संग और साधना करने के लिए, प्रसाद ग्रहण करने के लिए अलग-अलग व्यवस्थाओं का निर्माण, इन सबसे आप सब लाखों भक्तों को सुविधा होगी।
मोदी ने कहा कि संत रविदास एक ऐसे संत हैं, जिन्हें मत, मजहब, पंथ, विचारधारा की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता। रविदास जी सबके हैं, और सब रविदास जी के हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ”मुझे खुशी है कि आज हमारी सरकार रविदास जी के विचारों को ही आगे बढ़ा रही है। भाजपा सरकार सबकी है। भाजपा सरकार की योजनाएं सबके लिए हैं। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’, ये मंत्र आज 140 करोड़ देशवासियों से जुड़ने का मंत्र बन गया है।” मोदी ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में सांसद ज्ञान प्रतियोगिता, सांसद फोटोग्राफी प्रतियोगिता और सांसद संस्कृत प्रतियोगिता के प्रतिभागियों से संवाद किया और विजेताओं को पुरस्कृत करने के बाद सीरगोवर्धन पहुंचकर संत रविदास की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने संबोधन का वीडियो साझा करते हुए कहा ”महान संत गुरु रविदास जी के संदेशों को अपनाकर आज का भारत विकास पथ पर तेजी से अग्रसर है। वाराणसी में उनकी 647 वीं जयंती के अवसर पर एक समारोह को संबोधित कर रहा हूं।” इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई प्रमुख लोग मौजूद थे।