2024 में किसकी बनेगी सरकार? राम मंदिर तय करेगा लोकसभा चुनाव का नतीजा

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अभिषेक उपाध्याय। नई दिल्ली

राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर से गर्मा रहा है। एक पूरे पखवाड़े तक ये आयोजन चलेगा। इस आयोजन के जरिए पूरे देश के लोगों की आस्था से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद चुनाव बस कुछ ही दिनों का मेहमान होगा। ये तय है कि 2024 का आम चुनाव राम मंदिर के नाम पर लड़ा जाएगा। ये माना जा रहा है कि जो राम के साथ होगा, वही देश का भविष्य संभालेगा। बीजेपी समर्थकों का मानना है कि इस आयोजन से देश में वैसा ही माहौल बनेगा जैसा 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद बना था।

पिछले कुछ महीनों से पीएम मोदी संकेत दे रहे थे कि वह 2024 आम चुनाव को विकास और विरासत के उदय के रूप में पेश करेंगे। वे कई मौकों पर इससे जुड़ी बात वह बोल चुके हैं। बीजेपी का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में विरासत को फिर से जीवित करने से लेकर अन्य कई नई पहल करने से देश में एक नवीन भावना का उदय हुआ है, जिसका लाभ पार्टी को मिलेगा। राम मंदिर इसकी सर्वोच्च कड़ी है। पीएम मोदी स्वयं इसकी प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर मौजूद रहेंगे। इससे जो संदेश जाएगा, उसकी प्रतिक्रिया पूरे देश में होगी। पूरे देश का जनमानस इससे आंदोलित हो सकता है। एक तरह से कहें तो ये बीजेपी के चुनाव प्रचार अभियान की परोक्ष लांचिंग जैसा होगा।

अयोध्या में इस बाबत भव्य तैयारियां चल रही हैं। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पांच नवम्बर को होने वाली ‘अक्षत पूजा’ के लिये 100 क्विंटल चावल मंगवाया है. पूजा के बाद इसे देश भर में रामभक्तों के बीच वितरित किया जाएगा। इसका असर पूरे देश में होने की संभावना है। जिसे भी ये अक्षत मिलेगा वो एक भावना के साथ खुद को जुड़़ा हुआ महसूस करेगा। ये भावना देश की राजनीति की शक्ल बदल सकती है। ये कुछ ऐसा ही है जैसा राम मंदिर आंदोलन के समय शिला का अभियान चला था। राम मंदिर की ईंट और शिलाओं से देश का कोना कोना एक संदेश का साक्षी बना था।

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भव्य बनाने की अद्भुत तैयारियां की गई हैं। देश के कोने कोने तक ये संदेश जाए, इसकी खातिर प्रचार प्रसार की भी पूरी व्यवस्था की जा रही है। देश के विभिन्न प्रांतों की क्षेत्रीय भाषाओं में भी दो करोड़ से अधिक पत्रक छपवाये गये हैं। ये पत्रक पूजित अक्षत (चावल) के साथ घर-घर भेजे जाएंगे। घर घर राम भक्ति का संदेश बीजेपी को चुनाव में खासी बड़ी बढ़त दिला सकता है। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को इतना भव्य बनाया जा रहा है कि इसकी झंकार दूर तक जाए और लंबे समय तक याद भी रहे। इसे जुड़ी पूजा पद्धतियों में 4,000 सन्त प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे। साथ ही संत समाज से हटकर अलग-अलग क्षेत्रों से 2,500 लोग जैसे वैज्ञानिक, कलाकर, परमवीर चक्र विजेता भी इसका हिस्सा होंगे। इसकी धमक दूर दूर तक जाएगी।

रामलला के नए मंदिर में भक्तों के लिए हर जरूरी इंतजाम होंगे। भक्त जिस रास्ते से जाएंगे, उस पर श्रद्धालुओं के बैठने, धूप से बचने, पानी व एटीएम की व्यवस्था होगी। इस मार्ग की भव्यता भी भक्तों को लुभाएगी। मंदिर में वृद्ध व दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए रैंप व लिफ्ट भी लगाई जा रही है। परिसर के प्रवेश द्वार पर ही यात्री सुविधा केंद्र विकसित हो रहा है। यहां 25 हजार भक्तों के सामान रखने के इंतजाम होंगे। श्रद्धालु कुछ देर तक विश्राम भी कर सकेंगे। यात्री सुविधा केंद्र में सभी मूलभूत सुविधाएं होंगी। प्रशिक्षित व कई भाषाओं के जानकार गाइड भी रहेंगे जो श्रद्धालुओं के मददगार बनेंगे। ये सब इसी परियोजना का हिस्सा हैं जिसके तहत राम मंदिर की भावना को जन जन तक ले जाया जाएगा। चुनाव के मौके पर देश के कोने कोने में ये संदेश चस्पा होगा कि पीएम मोदी की प्राथमिकता का ये सर्वोच्च शिखर है।

श्रीराम जन्मभूमि पर खुदाई में मिले प्राचीन मंदिर के अवशेषों की तस्वीरें सामने आई हैं। इसमें कई मूर्तियां और पिलर दिख रहे हैं। ये 21 साल पहले यानी 2002 में ASI टीम को खुदाई के दौरान मिले थे। अवशेषों की संख्या करीब 50 है। इनमें 8 टूटे खंभे, 6 खंडित मूर्तियां, 5-6 मिट्टी के बर्तन और 6-7 कलश हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने ये तस्वीरें जारी की हैं।साधु-संतों ने दावा किया है कि ये अवशेष 500 साल पुराने हैं। ये सब एक पुरातन अवशेष को उसके हिस्से की गरिमा दिलाने के लिए हैं। ये पुरातन परंपरा देश की वर्तमान परंपरा के साथ मिलकर देश के सांस्कृतिक गौरव गान की सहायक सिद्ध होगी।

बीजेपी ने इस बाबत काफी पहले से ही तैयारियां कर रखी हैं। वह पहले से ही तारीख की जल्द घोषणा के लिए तैयारी कर रही थी। पीएम मोदी ने अपने दशहरा भाषण में कहा था कि ‘बहुप्रतीक्षित क्षण आने वाला है। उन्होंने कहा था कि राम लला विराजमान होने ही वाले हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भी इस भावना का लगातार प्रसार कर रहे थे। उन्होंने भी अपने दशहरा भाषण में मंदिर के उद्घाटन के बारे में बात की थी। उन्होंने लोगों से उत्सव का हिस्सा बनने का आह्वान किया था। बीजेपी इस भावना को आगे बढ़ा रही है कि राम मंदिर का निर्माण एक महान इतिहास की सृष्टि है। यह सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार की याद दिलाता है। सोमनाथ मंदिर को महमूद गजनवी ने कई बार नष्ट किया। तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल और तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के प्रयास में खुद को शामिल किया था। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के विरोध को चुनौती देते हुए ऐसा किया था।

इस पर राजनीति भी अब गर्मा गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण मिलने के एक दिन बाद, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने गुरुवार को आरोप लगाया कि अगले साल होने वाले 22 जनवरी के कार्यक्रम को सिर्फ एक पार्टी का कार्यक्रम बनाया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि क्या भगवान अब एक पार्टी तक ही सीमित हो गए हैं। खुर्शीद ने कहा, “क्या निमंत्रण सिर्फ एक पार्टी को जा रहा है? मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता कि कौन पहुंचेगा और कौन नहीं। लेकिन क्या भगवान अब एक ही पार्टी तक सीमित हैं? निमंत्रण सभी के लिए होना चाहिए, इसे सिर्फ एक पार्टी का कार्यक्रम बनाया जा रहा है। क्या यह एक पार्टी कार्यक्रम है या केवल एक व्यक्ति से संबंधित है?… निमंत्रण सभी को भेजा जाना चाहिए था।

कांग्रेस की ये दुविधा समझी जा सकती है। दरअसल बीजेपी जिस गति से राम मंदिर अभियान को आगे लेकर चल रही है, उसने कांग्रेस के होश फाख्ता कर दिए हैं। कांग्रेस को लगातार ये लग रहा है कि कहीं बीजेपी की ये रफ्तार उसकी बची खुची उम्मीदों पर भी तुषारापात न कर दे। उधर समाजवादी पार्टी भी इसको लेकर चिंतित है। समाजवादी पार्टी के सांसद डॉक्टर एसटी हसन ने राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर सवाल उठाए हैं। सपा सांसद एसटी हसन का कहना है कि राम मंदिर के उद्घाटन का फैसला साधु संतों और महंतों को लेना चाहिए। एसटी हसन ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस पार्टी ने हमेशा से ही भगवान राम का राजनीतिकरण किया है। विपक्ष की ये बेचैनी बता रही है कि राम मंदिर को लेकर बीजेपी का तीर निशाने पर लगा है। इस बात की प्रबल संभावनाएं दिखाई दे रही हैं कि 2024 का चुनाव राम मंदिर की छटा पर ही होने जा रहा है।

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