
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्य दिनेश शर्मा ने महिला आरक्षण विधेयक की प्रशंसा करते हुए कहा है कि गरीबों का कल्याण और महिलाओं का सशक्तीकरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों की दो प्रमुख आधारशिला हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने संसद के विशेष सत्र के दौरान सोमवार को उच्च सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली थी और वह पुराने संसद भवन में शपथ लेने वाले अंतिम सांसद हैं। शर्मा ने कहा, सोमवार को राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने वाला मैं आखिरी व्यक्ति था। वास्तव में, मैं पुराने संसद भवन में कामकाज के आखिरी दिन दोनों सदनों में शपथ लेने वाला एकमात्र व्यक्ति था। मंगलवार को अगले दिन, हम नयी इमारत में चले गए। उन्होंने कहा, मुझे सदन के सभापति (उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़) ने पुरानी इमारत में आखिरी सांसद होने का गौरव हासिल करने के लिए बधाई दी। हालांकि, भाजपा नेता ने कहा कि जिस बात ने उनके लिए उस दिन को और अधिक ऐतिहासिक बना दिया, वह लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने के लिए विधेयक पेश करना था।
विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा दोनों से मंजूरी मिल गई है। इसे अब अधिकतर विधानसभाओं की मंजूरी की आवश्यकता होगी। शर्मा ने दावा किया कि नया विधेयक रातोंरात या अचानक नहीं आया बल्कि 2014 से मोदी की नीतियों और पहलों का विस्तार है जो महिला सशक्तीकरण और गरीबों के कल्याण पर केंद्रित है। उन्होंने कहा, नौ साल पहले जब से मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तब से गरीबों का कल्याण और महिला सशक्तीकरण उनकी पहल और योजनाओं की आधारशिला रही है। सरकारी नीतियों में कोई जाति या वर्ग भेद नहीं है। शर्मा ने कांग्रेस के इस दावे पर उसकी तीखी आलोचना की कि विगत में उसके नेताओं ने अतीत में महिला आरक्षण का प्रस्ताव रखा था।
उन्होंने कहा, कांग्रेस को सपने देखना पसंद है। वह जागती है और कुछ नया सपना देखने के लिए एक बार फिर सो जाती है। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री मोदी जनता के सपनों को पूरा करते हैं। कांग्रेस नेता सिर्फ सपने देखते हैं और उन्हें साकार करने के लिए कभी प्रतिबद्ध नहीं होते। यही (भाजपा और कांग्रेस के बीच) अंतर है। भाजपा नेता ने कहा, अगर वे (कांग्रेस) वास्तव में ऐसा करना चाहते थे, तो उन्होंने तब ऐसा क्यों नहीं किया जब कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन की लगातार 10 वर्षों तक सरकार थी। यदि वह (राहुल गांधी) मनमोहन सिंह सरकार द्वारा लाए गए विधेयक को फाड़ सकते हैं, वह नया विधेयक लाने में मदद क्यों नहीं कर सके। शर्मा ने कहा, इनकी नीति और नीयत हमेशा संदिग्ध रही है। उन्हें महिलाओं की पीड़ा क्या पता होगी? वे केवल महिलाओं और अल्पसंख्यकों के वोट चाहते हैं।