यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करते हुए कहा कि राजस्व मामलों को प्राथमिकता के आधार पर तय समय में निस्तारण करे। यहां शनिवार देर शाम जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित मुख्यमंत्री कमान सेंटर से प्रदेश के सभी जिलों के अधिकारियों के साथ राजस्व मामलों के संबंध में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इसके मुताबिक वीडियो कांफ्रेंस के जरिए आयोजित इस समीक्षा बैठक में प्रदेश के सभी मंडलों के मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक तथा सभी तहसीलों से एसडीएम (सब डिविजनल मजिस्ट्रेट) और तहसीलदार मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने राजस्व मामलों के निस्तारण में खराब प्रदर्शन वाले जिलों के जिलाधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए अपने-अपने यहां लंबित मामलों को शून्य करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि राजस्व मामलों से संबंधित सभी कर्मचारियों की हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाए और लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने राजस्व मामलों के निस्तारण की स्थिति की समीक्षा करते हुए बलिया, प्रतापगढ़, जौनपुर, गोंडा और मऊ जनपदों के जिलाधिकारियों को उनके यहां लंबित मामलों को जल्द से जल्द शून्य करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में निवेश रोजगार सृजन का बड़ा माध्यम हैं, इसलिए निवेशक छोटा हो या बड़ा उसके निवेश को लेकर आ रही परेशानियों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण किया जाए।
मुख्यमंत्री ने ई-डिस्ट्रिक्ट पर उपलब्ध सेवाओं यथा जाति प्रमाणपत्र, निवास प्रमाणपत्र, आय प्रमाणपत्र के लंबित मामलों को लेकर जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे खुद अपने-अपने जिलों की तहसीलों की समीक्षा करें और प्रमाणपत्रों को तय समय में प्रदान न करने वाले संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जिलों में हर स्तर पर जनसुनवाई प्रत्येक कार्य दिवस पर होना सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी, एडीएम (एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट), तहसीलों पर एसडीएम, पुलिस कप्तान, क्षेत्राधिकारी और एसीपी अपने-अपने कार्यालय में हर रोज जनसुनवाई करेंगे।