ज्ञानवापी केस को लेकर बोले, मंत्री असीम अरुण-निर्णय साक्ष्य पर आधारित होना चाहिए

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यूपी के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने रविवार को कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का स्वागत है और अंतिम निर्णय सबूतों के आधार पर होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने गत चार अगस्त को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यद्यपि मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि शीर्ष अदालत में सुनवाई के दौरान एएसआई सर्वेक्षण की कवायद से ‘पुराना घाव हरा’ हो जाएगा। सर्वेक्षण यह तय करने के लिए किया जा रहा है कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एएसआई को सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की तोड़फोड की कार्रवाई से मना किया है।

वाराणसी में विवादित स्थल पर सर्वेक्षण शुरू हो गया है। मंत्री अरुण ने रविवार को यहां संवाददाताओं से कहा, एएसआई सर्वेक्षण एक स्वागत योग्य कदम है। मैं पुलिस में एक जांचकर्ता रहा हूं और मानता हूं कि यदि कोई विवादास्पद विषय है तो साक्ष्य संग्रह होना चाहिए और साक्ष्य के आधार पर निर्णय होना चाहिए। उन्होंने कहा, वाराणसी की अदालत और उच्चतम न्यायालय ने जो फैसला लिया है, उसका स्वागत है। इसमें कुछ भी विवादास्पद नहीं है। जब इसके (ज्ञानवापी मामले) बारे में सारे सबूत सामने आ जाएं, तो उसके मुताबिक फैसला लेना चाहिए। मेरा मानना है कि कानून का अनुपालन करने वाला देश का कोई भी निष्ठावान व्यक्ति इस घटनाक्रम का स्वागत करेगा। राज्य सरकार में समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नोएडा के सेक्टर 37 में एक नए अभ्युदय कोचिंग सेंटर के उद्घाटन के लिए आये थे, जहां उनके साथ स्थानीय विधायक पंकज सिंह, गौतम बुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा, उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस प्रमुख विक्रम सिंह और जिला समाज कल्याण अधिकारी शैलेन्द्र बहादुर सिंह भी थे।

अभ्युदय योजना यूपीएससी, यूपीपीएससी, नीट, जेईई, एसएससी जैसी केंद्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले सभी उम्मीदवारों को मुफ्त कोचिंग प्रदान करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार की एक पहल है। उन्होंने कहा कि राज्य संचालित कोचिंग सेंटर पहले से ही अच्छे परिणाम दे रहे हैं और उम्मीदवार प्रतिष्ठित सरकारी सेवाओं में आ रहे हैं और यह छात्रों को अवसर की समानता प्रदान करने के डॉ. बी आर आंबेडकर के दृष्टिकोण को साकार करने में भी मदद कर रहे हैं। सोमवार से शुरू हो रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र पर अरुण ने कहा कि भाजपा सदन में उठाए जाने वाले विषयों पर सकारात्मक चर्चा और बहस की उम्मीद कर रही है। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने पिछले सत्रों में भी सदन में सकारात्मक बहस और चर्चा के प्रयास किए हैं, वे अपने प्रयासों में सफल रहे हैं और अच्छे कानून बनाए गए हैं। मुझे उम्मीद है कि यह सत्र भी बहुत सार्थक होगा।

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