लखनऊ। यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सरकारी कर्मचारियों के लिए फिर से पेंशन व्यवस्था बहाल किए जाने की समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की घोषणा के बारे में कहा है कि पेंशन खत्म करने का फैसला सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की सरकार ने किया था, अखिलेश ने अपनी सरकार में इसे बहाल क्यों नहीं किया।
मौर्य ने गुरुवार को कहा कि पहले तो अखिलेश को अपने पिता मुलायम सिंह से पेंशन खत्म करने की वजह पूछनी चाहिए और फिर यह बताना चाहिए कि उन्होंने खुद अपनी सरकार में पेंशन व्यवस्था बहाल क्यों नहीं की। गौरतलब है कि अखिलेश ने गुरुवार को सपा की अहम चुनावी घोषणा में कहा कि चुनाव के बाद समाजवादी सरकार बनने पर एक बार फिर पेंशन व्यवस्था को बहाल किया जायेगा। जिससे प्रदेश के लगभग 12 लाख से अधिक शक्षिक और अध्यापक सहित अन्य सरकारी कर्मचारियों का लाभ होगा। मौर्य ने कहा, अखिलेश को पहले अपने पिता मुलायम सिंह जी के पास जाना चाहिए। क्योंकि पेंशन व्यवस्था को समाप्त की कार्रवाई उनकी सपा सरकार में ही शुरू हुई थी। अखिलेश जी को पिता जी से इसकी वजह पूछनी चाहिये। इसके बाद उन्हें यह बताना चाहिये कि जब वह खुद पांच साल सरकार में रहे तब उन्होंने इस व्यवस्था को बहाल क्यों नहीं किया।
उन्होंने कहा कि इस तरह के चुनावी वादे पूरी तरह से खोखले हैं। जिनसे पता चलता है कि अखिलेश के पास कोई चुनावी मुद्दा बचा नहीं है और ये चुनावी दौड़ से पूरी तरह बाहर हो चुके हैं। इसलिये मीडिया की सुर्खियों में बने रहने मात्र के लिये इस तरह की चुनावी घोषणायें की जा रही हैं। यह पूछे जाने पर कि मुफ्त बिजली और पेंशन जैसी लोकलुभावन योजनायें लोगों को आकर्षित तो कर ही रही हैं, इनका चुनाव में कितना असर होगा, मौर्य ने कहा, ह्लजनता के बीच ये विषय तब विमर्श के मुद्दे बनते जब अखिलेश के कार्यकाल में 24 घंटे बिजली मिलती और हमारी सरकार में 20 घंटे भी बिजली न मिल रही होती। मौर्य ने कहा कि हकीकत जनता को मालूम है कि अखिलेश की सरकार में जनता को बिजली ही नहीं मिलती थी जबकि अब अबाध बिजली मिल रही है। ऐसे में बिजली न दे पाने वाले और पेंशन बंद करने वाले लोगों के मुफ्त बिजली देने एवं पेंशन बहाल करने के वादे पर जनता कभी यकीन नहीं कर सकती है।