माफिया मुख्तार अंसारी को बड़ी राहत, हत्या के प्रयास के एक मामले मे पूर्व विधायक दोष मुक्त

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उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के अपर सत्र न्यायाधीश एमपी/एमएलए अदालत ने हत्या के प्रयास के चौदह साल पुराने मामले में माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषमुक्त करार दिया। हालांकि इस मामले में दोषमुक्त होने से मुख्तार अंसारी रिहा नहीं हो सकेगा क्योंकि वह पहले से एक मामले में सजायाफ्ता है और फिलहाल जेल में हैं। शासकीय अधिवक्ता नीरज कुमार श्रीवास्तव के अनुसार 24 नवम्बर 2009 को मुहम्मदाबाद थाने के मलिकपुरा निवासी मीर हसन ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह घर के बाहर सुबह टहल रहे थे कि उनकी हत्या की नियत से दो बदमाशों ने उन पर देशी तमंचे से गोली चलाई थी।

हसन ने रिपोर्ट में दावा किया था कि उसमें से एक बदमाश सोनू यादव ने बाद में उन्हें धमकी दी थी कि जेल में बंद मुख्तार अंसारी से मिलो। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद सोनू यादव व मुख्तार अंसारी के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था। नीरज श्रीवास्तव ने चार गवाह अदालत में पेश किए थे, और दोनों ओर से बहस सुनने के बाद न्यायाधीश एमपी/एमएलए न्यायालय दुर्गेश ने बुधवार को अंसारी को संदेह का लाभ देते हुये दोषमुक्त कर दिया।

मुख्तार की पेशी बांदा जेल से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई। इससे पहले इसी साल 29 अप्रैल को जिले की एक अदालत ने गैंगस्टर से नेता बने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर अधिनियम के 14 साल पुराने एक मामले में 10 साल कैद और पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी, जबकि उसके बड़े भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को चार साल की सजा तथा एक लाख रुपये का अर्थदंड लगाया था। मुख्तार अंसारी पड़ोसी जिले मऊ की मऊ सदर विधानसभा सीट से लगातार पांच बार विधायक रह चुके हैं। अंसारी ने 2022 में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा था और उनकी सीट पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से किस्मत आजमा रहे उनके बेटे अब्बास अंसारी विधायक चुने गए। मुख्तार अंसारी इस समय विभिन्न आपराधिक मामलों में बांदा की एक जेल में बंद हैं।

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