यूपी निकाय चुनाव: नहीं टूट पाया 2017 का रिकॉर्ड, पहले चरण में 52 प्रतिशत वोटिंग

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उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण में प्रदेश के नौ मंडलों के 37 जिलों में 52 प्रतिशत मतदान हुआ। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने देर शाम बताया कि पहले चरण के लिये मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शाम छह बजे तक चला और इस दौरान 52 फीसदी मतदान हुआ है। जबकि 2017 के निकाय चुनाव में वोटिंग प्रतिशत इससे ज्यादा था। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पांच बजे तक लखनऊ में 38.62 फीसदीी, वाराणसी में 40.58 प्रतिशत, आगरा में 40.32 फीसदी, गोरखपुर में 42.43 प्रतिशत और प्रयागराज में 33.61 फीसदी वोट पड़े हैं। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, सबसे ज्यादा वोट महाराजगंज (66.48) में पड़े जिसके बाद शामली (65.02), कुशीनगर (64.11) और अमरोहा (63.41) का स्थान रहा।

साल 2017 के शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के पहले चरण में 52.59 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। 2017 में तीन चरणों में मतदान हुआ था और कुल मतदान प्रतिशत 53 था। अधिकांश जगहों पर मतदान शांतिपूर्ण रहा, वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले से हिंसा, पथराव और हंगामे की खबरें आईं। पुलिस के अनुसार, पथराव में आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं। अमरोहा के जिलाधिकारी बाल कृष्ण त्रिपाठी ने पीटीआई-भाषा को बताया, गजरौला इलाके में एक मतदान केंद्र पर दो पक्षों के समर्थकों के बीच कहासुनी हो गई। राज्य निर्वाचन आयुक्त कुमार ने बताया कि अति संवेदनशील स्थलों पर सतत निगरानी के लिए वीडियोग्राफी, सीसीटीवी व वेबकास्टिंग की व्यवस्था कराई गयी थी । प्रथम चरण के चुनाव में किसी जिले से कोई अप्रिय घटना की जानकारी नहीं है।

उन्होंने बताया, चन्दौली की नगर पंचायत चकिया के वार्ड संख्या तीन शमशेर नगर के सदस्य पद के मतपत्र में नाम की त्रुटि के कारण पुर्नमतदान कराए जाने का निर्णय लिया गया है। हुई त्रुटि की जांच कराने के निर्देश दिए गये हैं। जांचोपरान्त संबंधित कार्मिक के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्‍य अरविंद कुमार सिंह ने राज्‍य निर्वाचन आयुक्‍त को लिखे पत्र में मुरादाबाद में पुलिस द्वारा पहचान पत्रों की जांच करने के नाम पर मतदाताओं को धमकाने का आरोप लगाते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई थी। उन्‍होंने एक अन्‍य पत्र में गोरखपुर में वार्ड संख्या 39 पर मतदाता सूची से 100-100 मतदाताओं के नाम गायब होने का भी इल्जाम लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी।

वोट डालने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा, ईश्वर की कृपा है कि कितना सुहावना मौसम है। जनता नगरीय सरकार भी अच्छी चुने, मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें इसके लिए इसे मैं ईश्वर की विशेष कृपा मानता हूं। प्रदेश में राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की हैं। अपना वोट डालने के बाद, आदित्यनाथ ने चुनाव के दूसरे चरण के लिए प्रचार अभियान शुरू कर दिया, जिसके लिए मतदान 11 मई को होगा। आदित्यनाथ ने दिन में अयोध्या, सुल्तानपुर, सिद्धार्थनगर और बस्ती में प्रचार किया।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ में वोट डाला। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “पहले चरण के तहत प्रदेश में चुनाव हो रहा है। हमारी पार्टी यह चुनाव अपने बलबूते पर पूरी तैयारी और दमदारी से लड़ रही है। हमें पूरा भरोसा है कि हमारी पार्टी को अच्छा नतीजा मिलेगा। लखनऊ में कुछ जगहों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में खराबी की खबरों पर जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने कहा कि ऐसी सभी ईवीएम बदली गई हैं। मैनपुरी में अपर जिलाधिकारी रामजी मिश्रा ने बताया कि मैनपुरी में नगर पंचायत ज्योति खुदिया के रिटर्निंग अधिकारी रहे अनुविभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) वीरेंद्र कुमार मित्तल की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। रामपुर में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके पूर्व विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम खान मतदाता सूची से नाम हटाये जाने के कारण मतदान नहीं कर सके। आजम की पत्नी तंजीन फातिमा और उनके बड़े बेटे अदीब आजम खान के परिवार ने वोट डाला।

विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि राज्य में मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ और कहीं से भी किसी तरह की अप्रिय घटना की खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां भी ईवीएम में खराबी की खबरें आई, वहां उन्हें बदल दिया गया। हालांकि, महाराजगंज में निचलौल कस्बे में मतदान के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)और कांग्रेस के प्रत्याशियों के समर्थक आपस में भिड़ गए। पुलिस ने कहा कि दोनों ने एक-दूसरे पर मतदाताओं को पैसे बांटने का आरोप लगाया। पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ही दोनों दलों के समर्थक चले गए। पहले चरण में सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा, झांसी, प्रयागराज, लखनऊ, देवीपाटन, गोरखपुर और वाराणसी मंडल के 37 जिलों में वोट डाले गए। इन जिलों में 2.40 करोड़ से अधिक मतदाता हैं।

पहले चरण में नगर निगमों के 10 महापौर और 820 पार्षदों, 103 नगर पालिका परिषद अध्यक्षों, 2,740 नगर पालिका परिषद सभासदों, 275 नगर पंचायत अध्यक्षों और 3,645 नगर पंचायत सदस्यों समेत कुल 7,593 पदों के लिए 44 हजार से अधिक उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
आयोग के बयान के अनुसार, नगर निगमों के 10 पार्षदों समेत कुल 85 प्रतिनिधि पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे नगर निकाय चुनावों को शहरी मतदाताओं के बीच राजनीतिक दलों के असर के आकलन की कसौटी माना जा रहा है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रदेश में दो चरणों में यह हो चुनाव हो रहे हैं और दूसरे चरण के लिए 11 मई को मतदान होगा और 13 मई को मतगणना होगी। नगर निगमों के महापौर और पार्षद पद के लिए मतदान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से हुआ है, जबकि बाकी पदों के लिए मतदान मतपत्र से हुआ।

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