इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने शुक्रवार उत्तर प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के कर्मचारियों की सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) और भविष्य निधि (पीएफ) के धन को दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) में निवेश कर करोड़ों का घोटाला करने के आरोपी डीएचएफएल के निदेशक धीरज वधावन व सीएमडी कपिल वधावन की जमानत याचिकाएं मंजूर कर लीं।
पीठ ने मुख्य रूप से इस आधार पर आदेश पारित किया कि मामले की सुनवाई अभी तक शुरू नहीं हुई है, जबकि दोनों आरोपी 26 मई, 2020 से जेल में हैं। न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने दोनों आरोपियों द्वारा दायर अलग-अलग जमानत याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से मुख्य रूप से दलील दी गई थी कि मामले के अन्य अभियुक्तों को जमानत मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि सीबीआई मामले की जांच पूरी करके आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है, लिहाजा अभियुक्त किसी भी तरह से जांच को प्रभावित नहीं कर सकते।