असद के एनकाउंटर को लेकर अखिलेश यादव का दावा, यूपी में हो रही हैं ‘फर्जी मुठभेड़

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माफिया अतीक अहमद के बेटे असद की मुठभेड़ में मौत के संबंध में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ‘फर्जी’ मुठभेड़ों पर सवाल उठे हैं और भाजपा शासित राज्य को इस तरह की कार्रवाइयों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के कई नोटिस मिले हैं। यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विधानसभा में की गई उनकी टिप्पणी ‘माफिया को धूल में मिला देंगे’ को लेकर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के ‘फिल्मी संवाद’ बोलने वालों का संविधान में कोई विश्वास नहीं है। अधिकारियों ने लखनऊ में कहा कि अतीक अहमद का बेटा असद और एक शूटर झांसी के पास उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए। दोनों उमेश पाल हत्याकांड में वांछित थे। यह कथित मुठभेड़ तब हुई जब अतीक अहमद प्रयागराज की एक अदालत में था जहां उसे उमेश पाल की हत्या के सिलसिले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था।

मुठभेड़ के बारे में पूछे जाने पर यादव ने संवाददाताओं से कहा कि यह पहली बार नहीं है जब ‘फर्जी’ मुठभेड़ों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठे हैं। कानपुर के पास जुलाई 2020 में एक मुठभेड़ में गैंगस्टर विकास दुबे के मारे जाने की घटना का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए सपा नेता ने कहा कि बहुत से लोग उत्तर प्रदेश पुलिस के बयान पर विश्वास नहीं करते कि उसे (विकास दुबे) मध्य प्रदेश से ला रहा वाहन पलट गया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने तब दावा किया था कि दुबे को गोली मार दी गई थी जब वह उज्जैन से कार से लाने के दौरान कानपुर के बाहरी इलाके में वाहन पलट जाने के बाद भागने की कोशिश कर रहा था। सपा प्रमुख ने कहा, हाल में कानपुर में जब एक मां-बेटी की झोपड़ी पर बुलडोजर चलाकर आग लगा दी गई, तो दोनों की जान चली गई। इसी तरह, एक फर्जी मुठभेड़ (2019 में) में पुष्पेंद्र यादव मारा गया था।

कानपुर में पुलिस हिरासत में एक शख्स की मौत हो गई। यादव ने आरोप लगाया, ‘बलिया में भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक होनहार छात्र नेता की हत्या कर दी। बलिया में ही ब्याज खोरों ने एक व्यापारी पर इस कदर दबाव डाला कि उसकी जान चली गई। क्या अतीक अहमद के बेटे को फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया, यह पूछे जाने पर यादव ने कहा कि राज्य में ”फर्जी” मुठभेड़ों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर बार-बार सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने दावा किया, ”एनएचआरसी ने उप्र सरकार को (मुठभेड़ जैसी पुलिस कार्रवाई को लेकर) सबसे ज्यादा नोटिस दिए हैं। देश में हिरासत में सबसे ज्यादा मौतें उत्तर प्रदेश में होती हैं। अखिलेश यादव, कांग्रेस के दिवंगत नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुभाष यादव को श्रद्धांजलि देने खरगोन जिले के बोरावन कस्बा आए थे।

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