निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के इटावा और मैनपुरी जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (एसएसपी) को फटकार लगाते हुए स्पष्टीकरण देने को कहा है कि मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव से पहले उसकी स्थानांतरण और तबादला नीति का क्यों अनुपालन नहीं किया गया। आयोग ने इसके साथ ही छह उप निरीक्षकों का भी तबादला करने का निर्देश दिया। निर्वाचन आयोग की यह कार्रवाई समाजवादी पार्टी (सपा) की शिकायत के एक दिन बाद की गयी है। सपा ने पार्टी नेता मुलायम सिंह यादव के निधन की वजह से खाली हुई सीट पर कराए जा रहे उपचुनाव से पहले निर्वाचन आयोग के समक्ष राज्य पुलिस के जवानों की तैनाती का मुद्दा उठाया था।
मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव का मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) रघुराज सिंह शाक्य से है। निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को भेजे गए पत्र में निर्देश दिया है कि मैनपुरी के एसएसपी से स्पष्टीकरण देने को कहा जाए कि ”पुलिस कर्मियों का तबादला और स्थानांतरण करने के दौरान आयोग द्वारा तय आदर्श अचार संहिता के प्रावधानों और निर्देशों का अनुपालन नहीं करने पर”क्यों न उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
आयोग ने इसी तरह इटावा के एसएसपी से स्पष्टीकरण देने को कहा है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान आयोग की पूर्व अनुमति के बिना वैदपुरा,भरथना, जसवंतनगर और चौबिया पुलिस थानों के प्रभारी को लंबी छुट्टी पर भेजने के फैसले को लेकर क्यों न अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाए। आयोग ने राज्य के सीईओ को निर्देश दिया है कि वह सुनिश्चित करें कि मैनपुरी उप चुनाव के दौरान सुरक्षाबलों की नियुक्ति आम और पुलिस पर्यवेक्षकों की देखरेख में तय प्रक्रिया के तहत किया जाए। निर्वाचन आयोग के स्थानांतरण और तबादला नीति के तहत मैनपुरी के एसएसपी को तत्काल मौजूदा विधानसभा क्षेत्रों से उप निरीक्षक सुरेश वंद, कादिर शाह, सुधीर कुमार, सुनील कुमार, सत्यभान और राजकुमार गोस्वामी को कार्यमुक्त करने को कहा है।