वेक्टर जनित बीमारियों को रोकने की कार्ययोजना पेश करे यूपी सरकार: हाईकोर्ट

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लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने यूपी सरकार को निर्देश दिया कि वह शहर (लखनऊ) में वेक्टर जनित बीमारियों के प्रकोप को रोकने के लिए अपनी कार्य योजना उसके समक्ष पेश करे। अदालत ने राज्य की राजधानी में डेंगू के बढ़ते प्रकोप के बाद भी सरकारी मशीनरी के कथित ‘टरकाऊ’ रवैये पर घोर नाराजगी प्रकट की है। अदालत ने बार के सदस्येां की ओर से लगाये गये आरेाप कि सरकारी अस्पतलों में दवाओं और बिस्तर की कमी है,पर सरकार को आड़े हाथों लिया और सरकार, नगर निगम और अन्य संबधित विभागों से 24 घंटे में जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवायी शुक्रवार को होगी।

यह निर्देश न्यायमूर्ति डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर दिया। अदालत ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवा विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिवों को आदेश दिया है कि शहर में डेंगू , चिकनगुनिया और वायरल बुखार से निपटने के लिए किये जा रहे प्रयासों से अदालत को अवगत कराया जाए। अदालत ने नगर निगम की ओर से शहर में फागिंग की खराब व्यवस्था पर सवाल किया।

अदालत ने कहा कि नगर निगम के रवैये से गंदगी के चलते शहर में मच्छरों की भरमार हो गयी है। याचिका दायर कर आरेाप लगाया गया कि शहर में डेंगू से लेाग परेशान हैं। नगर निगम सफाई और फागिंग पर ध्यान नहीं दे रहा है। सरकारी अस्पतालों में दवाओं,प्लेटलेटस की कमी हैं । यहां तक अस्पतालों में बिस्तर तक की कमी है, और परेशान मरीजों को अस्पतालों से वापस कर दिया जा रहा हैं। इन आरोपों पर अदालत ने सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि सरकारी महकमें आखिर स्थिति पर गंभीरता क्यों नही दिखा रहे हैं। अदालत ने केंद्र सरकार से भी स्थिति पर जवाब तलब किया है।

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