उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में अयोध्या की स्थिति में काफी बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत हितों और धार्मिक कट्टरता से प्रेरित लोगों के कारण अयोध्या पहले “अशांति और संघर्ष का गढ़” बन गई थी। आदित्यनाथ के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी थे, जिन्होंने राम मंदिर परिसर में अन्नपूर्णा मंदिर में झंडा फहराया और प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर पूजा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने श्री राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय भूमिका के लिए सिंह की तारीफ की और कहा कि लगभग 500 साल बाद मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पूरे देश के लिए गर्व और भावनात्मक संतुष्टि का क्षण था।
अयोध्या में एक धार्मिक सभा को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि सिंह राज्य सरकार और संगठन में विभिन्न जिम्मेदारियों को निभाते हुए राम जन्मभूमि आंदोलन से घनिष्ठ रूप से जुड़े रहे और वह ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के अवसर पर अन्नपूर्णा मंदिर में ध्वजारोहण समारोह के दौरान भावुक दिखाई दिए। मुख्यमंत्री ने याद किया कि आजादी के बाद अयोध्या ने राम जन्मभूमि आंदोलन के कई चरण देखे और आरोप लगाया कि तुष्टीकरण की राजनीति और धार्मिक कट्टरता के कारण, पवित्र शहर एक समय अशांति और संघर्ष का केंद्र बन गया था। उन्होंने कहा कि पिछले 11 सालों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्थिति में बदलाव आया है। आदित्यनाथ ने कहा, “अयोध्या का नाम ही यह बतता है कि यहां कभी कोई युद्ध नहीं हुआ क्योंकि कोई भी शत्रु इसकी वीरता, शक्ति और गौरव के सामने टिक नहीं सका।” उन्होंने कहा, “हालांकि, कुछ लोगों ने अपने व्यक्तिगत स्वार्थों, धार्मिक कट्टरता और तुष्टीकरण की घृणित राजनीति से प्रेरित होकर अयोध्या को अशांति और संघर्ष का अड्डा बना दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “फिर भी, यह वही अयोध्या है, जिसने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सफल नेतृत्व में पिछले 11 सालों में तीन महत्वपूर्ण घटनाएं देखी हैं जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता।” आदित्यनाथ ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में तीन उल्लेखनीय घटनाएं हुई। उनके मुताबिक, इसकी शुरुआत पांच अगस्त 2020 से हुई जब मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन किया जिसके बाद 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह हुआ, और इस साल 25 नवंबर को मंदिर के मुख्य शिखर पर धर्मध्वज फहराया गया। उन्होंने कहा कि झंडा फहराने से दुनिया को एक मज़बूत संदेश गया कि सनातन धर्म सबसे ऊपर है और देश की आध्यात्मिक चेतना का मार्गदर्शन करता रहेगा। आदित्यनाथ ने कहा,” देश और दुनिया का कोई भी ऐसा श्रद्धालु नहीं है, जो अब अयोध्या आकर अभिभूत न होता हो। पिछले पांच वर्षों के भीतर 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु अयोध्या धाम आए हैं।

