उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने पर सोमवार को संतोष व्यक्त किया और न्याय प्रणाली पर अपना पूरा विश्वास जताया। उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने सेंगर को नोटिस भी जारी किया, जिसमें उसे जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। पीड़िता ने कहा, मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं। मुझे उच्चतम न्यायालय से न्याय मिला है। मैं शुरू से ही न्याय के लिए आवाज उठाती रही हूं।
उन्होंने कहा, मैं किसी भी अदालत के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाती। मुझे सभी अदालतों पर भरोसा है, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने मुझे न्याय दिया है और वह ऐसा करना जारी रखेगा।” उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें 2017 के उन्नाव बलात्कार मामले में सेंगर की आजीवन कारावास की सजा को निलंबित कर दिया गया था और मामले में उसकी अपील लंबित रहने तक उसे जमानत दे दी गई थी। उन्नाव के पूर्व विधायक सेंगर को इस मामले में दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इस बीच, सेंगर की छोटी बेटी इशिता सेंगर ने ‘एक्स’ पर एक भावनात्मक पोस्ट करते हुए न्याय की अपील की। इशिता ने पोस्ट में कहा कि उनका परिवार पिछले आठ सालों से चुपचाप न्याय का इंतजार कर रहा है और उसने कानून और संस्थानों पर अपना भरोसा बनाए रखा है। उन्होंने लिखा कि उनकी पहचान सिर्फ ‘एक भाजपा विधायक की बेटी’ तक सीमित हो गई है और उन्हें सोशल मीडिया पर लगातार नफरत, गाली-गलौज और धमकियों का सामना करना पड़ा है।
पोस्ट में, इशिता ने कहा, “उनका परिवार न तो कोई रियायत चाहता है और न ही सहानुभूति। बल्कि सिर्फ यह चाहता है कि कानून बिना किसी दबाव या डर के काम करे और सुबूतों की निष्पक्ष जांच हो।” इशिता की पोस्ट को उनकी बड़ी बहन ऐश्वर्या सेंगर ने भी ‘एक्स’ पर साझा किया। उन्होंने लिखा, ”हम हारेंगे नहीं, लड़ेंगे।” इस बीच, इस मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आयी हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माले (भाकपा एमएल) ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को लोगों के संघर्ष की जीत बताया। वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने सेंगर के समर्थन में कथित तौर पर हुए प्रदर्शनों को लेकर भाजपा की आलोचना की। भाकपा-एमएल के प्रदेश सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में आवाजें उठाई गईं।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के फैसले के बाद पीड़िता और विभिन्न महिला, छात्र और युवा संगठनों ने सड़कों पर लगातार विरोध प्रदर्शन किये। यादव ने एक बयान में कहा, ”उच्चतम न्यायालय का आदेश इस संघर्ष की जीत है और इसने फिलहाल भाजपा सरकार की साजिशों को नाकाम कर दिया है।” इस बीच, उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करके भाजपा पर हमला किया। वीडियो में कथित तौर पर सेंगर के समर्थन में कुछ लोगों को प्रदर्शन करते देखा गया। पार्टी ने पोस्ट में इसे ‘बेशर्मी’ बताया और कहा कि भाजपा नेताओं को एक दोषी बलात्कारी के समर्थन में सड़कों पर उतरने पर शर्म आनी चाहिए। कांग्रेस ने कहा कि उन्नाव की पीड़िता ने न्याय के लिए लड़ते हुए अपना पूरा परिवार खो दिया तथा उसके पिता की हिरासत में मौत हो गई और दो रिश्तेदार एक दुर्घटना में मारे गये, फिर भी भाजपा समर्थक कथित तौर पर एक अपराधी के प्रभाव को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे।

