आंबेडकर, कांशीराम ने हमें सामाजिक न्याय का रास्ता दिखाया: अखिलेश यादव

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समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि भीमराव आंबेडकर, कांशीराम, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण और मुलायम सिंह यादव जैसे नेताओं ने सामाजिक न्याय का रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि सपा पीडीए (पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों) पर आधारित सरकार बनाकर इस रास्ते पर आगे बढ़ना चाहती है। बृहस्पतिवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के संस्थापक कांशीराम की 19वीं पुण्यतिथि पर आयोजित रैली में पार्टी अध्यक्ष मायावती की ओर से सपा पर करारा हमला किए जाने के बाद अखिलेश ने एक प्रेस वार्ता में कांशीराम के राजनीतिक सफर में सपा के सहयोग को याद किया। अखिलेश ने कहा, “हम सामाजिक न्याय की लड़ाई को मजबूत करने और पीड़ितों, दलितों एवं अल्पसंख्यकों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में पीडीए आधारित सरकार बनाने का संकल्प लिया है।” उन्होंने कहा, “सपा, नेताजी (मुलायम) और हमारे साथियों के सहयोग से ही कांशीराम इटावा से सांसद बने थे। उस समय जब सांप्रदायिक राजनीति चरम पर थी, तब सपा और बसपा ही थीं, जो एकजुट होकर इसका मुकाबला कर रही थीं।” अखिलेश ने कहा कि मायावती के अलावा उन्होंने ही कांशीराम की प्रतिमा स्थापित करवाई थी। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार के दौरान जब बसपा नेताओं ने स्मारक के रखरखाव पर सवाल उठाए थे, तो मैंने लखनऊ विकास प्राधिकरण को इसका रखरखाव सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।

मायावती ने कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में आयोजित रैली में सपा पर निशाना साधते हुए उसे “दोगले” लोगों की पार्टी कहा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि सपा जब सत्ता में होती है, तो वह कांशीराम और बहुजन समाज के अन्य महापुरुषों को भूल जाती है, लेकिन जब वह सत्ता से बाहर हो जाती है, तो उसे ये ही महापुरुष याद आने लगते हैं। अखिलेश ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासनकाल में लखनऊ में आंबेडकर और कांशीराम की याद में बनाए गए स्मारकों की हालत खराब हो गई है। उन्होंने कहा, “खराब रखरखाव के कारण पत्थरों का रंग काला पड़ गया है। ऐसा भी हो सकता है कि भाजपा लखनऊ में इन स्मारकों की कीमती जमीन बेचने की कोशिश करे।” अखिलेश ने कहा, “भाजपा हमें गुलाम नहीं, बल्कि अपने लिए काम करने वाला मजदूर बनाना चाहती है। पीडीए में आधी आबादी (महिलाएं) भी शामिल हैं।

हमारा दर्द और संघर्ष एक जैसा है।” उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर पुलिसकर्मियों की तैनाती में हेराफेरी करने और पिछड़े तथा दलित अधिकारियों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। रायबरेली में हाल ही में एक दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या किए जाने से जुड़े मामले का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा, “पिछड़े समुदाय के खिलाफ अन्याय बढ़ रहा है। रायबरेली की घटना अकेली नहीं है। ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं और पुलिसकर्मियों की तैनाती में भेदभाव स्पष्ट है।” अखिलेश ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि दलितों और महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा, “यह हमारे नहीं, बल्कि एनसीआरबी के आंकड़े हैं। भाजपा ने झूठे मामले दर्ज करने और झूठ बोलने में विश्व रिकॉर्ड बनाया है।

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