मुगलों के शासनकाल में मंदिर तोड़े गए, नाम बदले गए, अब संस्कृति को दबाने का प्रयास: आचार्य शांतनु

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कानपुर देहात। कंचौसी बाजार स्थित दर्शन सिंह स्मृति महाविद्यालय में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन का आयोजन आध्यात्मिक संदेशों और भक्ति भाव से ओतप्रोत रहा। कथा सुनाते हुए आचार्य शांतनु जी महाराज ने बेटियों के सम्मान और दहेज जैसी कुप्रथा पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सनातन परंपरा कहती है–बेटी को पिता देता है, लेता नहीं। किंतु दहेज प्रथा ने इस पवित्र परंपरा को कलंकित कर दिया है। बेटियाँ बोझ नहीं, बल्कि कुल की शोभा हैं। यदि समाज को प्रगति की ओर ले जाना है तो हमें दहेज जैसी अमानवीय प्रथाओं को समाप्त करना होगा। इस दौरान कथा वक्ता आचार्य शांतनु जी महाराज ने जीवन और समाज से जुड़े गहरे विषयों पर श्रोताओं को संबोधित किया। आचार्य शांतनु जी महाराज ने कहा कि आज लोग माता-पिता की सेवा नहीं करते, भगवान का स्मरण नहीं करते, धर्म और संस्कृति से विमुख हो गए हैं। यही कारण है कि लोग नीले ड्रम में भरे जा रहे हैं।

गौरवशाली सनातन और संघर्ष की परंपरा

इतिहास का स्मरण कराते हुए उन्होंने कहा कि मुगलों के शासनकाल में मंदिर तोड़े गए, नाम बदले गए, संस्कृति को दबाने का प्रयास हुआ। लेकिन सनातन धर्म अपनी गहरी जड़ों के कारण अडिग रहा। आज राम मंदिर का पुनर्निर्माण इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सनातन धर्म को बचाने के लिए पलायन नहीं, बल्कि संघर्ष का मार्ग अपनाना होगा। भागवत कथा का महत्व तभी है जब सनातन सुरक्षित रहे। कथा और संस्कृति जीवित तभी रहेंगी, जब हम अपनी आस्था और परंपरा की रक्षा के लिए डटकर खड़े होंगे। आचार्य जी ने जीवन का सत्य उजागर करते हुए कहा मनुष्य की इच्छा का पात्र कभी भरता नहीं।

सांसद भोले ने किया शुभारंभ

कथा का शुभारंभ सांसद देवेंद्र सिंह भोले, प्रेम शीला सिंह, विकास सिंह भोले स्वामी विवेकानंद युवा समिति के अध्यक्ष, अमित सिंह ने वैदिक मंत्रोच्चार और हवन-पूजन के साथ किया। सांसद भोले ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा न केवल धार्मिक आयोजन है बल्कि यह समाज को संस्कारित करने का भी माध्यम है।

डीएम और जिला जज भी हुए शामिल

कथा स्थल पर भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए। कार्यक्रम में विशेष रूप से कपिल जी (जिलाधिकारी, कानपुर देहात), जिला जज, सुखराम यादव (पूर्व सांसद), स्वप्निल वरुण (जिला अध्यक्ष), विजय सचान (जिला अध्यक्ष, कानपुर देहात), राकेश तिवारी (पूर्व जिला महामंत्री), आचार्य कृष्ण दास जी महाराज (पनकी हनुमान मंदिर, कानपुर नगर) आदि सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने कथा श्रवण कर पुण्य अर्जित किया।

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